महाकुंभ की तैयारियों पर काला धब्बा!
योगी शासन के प्रयासों पर लगा रहे पलीता
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिले के पेट्रोल पंपों की मनमानी ने उपभोक्ताओं की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। पेट्रोलियम मंत्रालय के स्पष्ट निर्देशों के बावजूद, यहां के पेट्रोल पंपों पर न तो बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हैं और न ही उपभोक्ताओं के अधिकारों का सम्मान किया जा रहा है। डीजल-पेट्रोल मापने के लिए मांगने पर उपभोक्ताओं को मापक यंत्र नहीं दिया जाता, जिससे घटतौली की आशंका बनी रहती है। कई पंपों पर हवा भरवाने की मशीनें ही नहीं लगीं, और जहां लगी हैं, वहां कंप्रेशर खराब पड़ा है। मजे की बात है कि जहां हवा भरने की मशीन है, वहां हवा भरने वाला स्टॉफ नदारद है। वॉटर कूलर पूरी तरह गायब हैं, जिससे यात्रियों को पीने के लिए स्वच्छ पानी तक नहीं मिल रहा। शौचालयों की स्थिति खराब है- महिलाओं के लिए अलग से कोई व्यवस्था नहीं, और जो शौचालय हैं, वे या तो गंदे हैं या बंद पड़े हैं। महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक आयोजन में लाखों श्रद्धालु चित्रकूट में है, लेकिन इन पंपों की अव्यवस्था शासन के प्रयासों पर पलीता लगा रही है।
मूलभूत सुविधाओं की खानापूर्ति करते खाली पंप |
जहां एक ओर प्रशासन महाकुंभ को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है, वहीं जिले के भ्रष्ट पेट्रोल पंप संचालकों ने शासन की छवि पर दाग लगाने में कसर नहीं छोड रहे। महाकुंभ दौरान श्रद्धालुओं को स्वच्छता व सुरक्षा की उम्मीद रहती है, लेकिन जिले के पेट्रोल पंपों पर वॉशरूम गंदे व पानी संदिग्ध है। फायर सेफ्टी उपकरण या तो खराब हैं या अनुपलब्ध। पेट्रोल व डीजल की कीमत बताने वाले डिस्प्ले बोर्ड तक धुंधले पड़े हैं, जिससे उपभोक्ताओं को सही जानकारी तक नहीं मिल रही। यदि कोई उपभोक्ता सही माप से पेट्रोल या डीजल लेना चाहता है, तो उसे मापक यंत्र तक उपलब्ध नहीं कराया जाता। यह सीधे तौर पर ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी व लूट का मामला है। स्थानीय लोग कई बार पेट्रोलियम मंत्रालय व प्रशासन से शिकायत कर चुके हैं, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। साफ दर्शाता है कि पेट्रोल पंप संचालक खुलेआम मनमानी कर रहे हैं, और प्रशासन इस पर आंख मूंदे बैठा है। मौके पर मानिकपुर रोड, इलाहाबाद रोड, बेड़ी पुलिया से रामघाट रोड, सोनेपुर रोड, पहाडी रोड व कर्वी स्टेशन रोड के पेट्रोल पंपों का निरीक्षण किया गया, जहां भारी अनियमितताएं पाई गईं। महाकुंभ जैसे ऐतिहासिक आयोजन पर इन लापरवाहियों पर नकेल कसना बेहद जरूरी है।
ऑपरेटर गुमशुदा।
फ्री एयर न देने से लाखों की काली बचत
चित्रकूट के पेट्रोल पंपों पर मुफ्त एयर की सुविधा न देकर संचालक हर दिन हजारों रुपये की अवैध काली बचत कर रहे हैं। एक अनुमान के मुताबिक, रोजाना 200 वाहनों में से प्रत्येक वाहन से 10-20 रूपए के हिसाब से एयर का चार्ज लगता है, जिससे प्रति दिन 2,000 से 4,000 रूपए तक की बचत हो सकती है। इस हिसाब से एक महीने में 60,000 से 1,20,000 रूपए तक की बचत हो रही है। साल भर का मुनाफा 7,20,000 से 14,40,000 रूपए तक है, जो केवल मुफ्त एयर की सुविधा से हो रहा है। यह एक बड़ी अवैध बचत का उदाहरण है, जिसे पेट्रोल पंप संचालक सरकार व प्रशासन की नजरों से बचाए हैं।
व्यापारियों की खुली लूट, बाहरी पर्यटक बन रहे शिकार!
धार्मिक व पर्यटन नगरी चित्रकूट में व्यापारियों की मनमानी व लूट-खसोट चरम पर है। बाहरी पर्यटक अक्सर इनका शिकार बन रहे हैं। हाल ही में राजस्थान से आए एक पर्यटक के साथ बेडी पुलिया के एक ऑटो मैकेनिक की ठगी का मामला आया था। पर्यटक ने अपनी डस्टर कार की मरम्मत के लिए दुकान पर दी, लेकिन पैसा लेने के बावजूद कोई काम नहीं किया गया। जब पर्यटक ने विरोध किया, तो मिस्त्री ने बहाने बनाकर उसे टरका दिया। आखिरकार, जब मामला मीडिया व पुलिस के संज्ञान में आया, तब दबाव के चलते मजबूरन कार पर काम किया गया। चित्रकूट में ऐसी घटनाएं आम हो गई हैं। खासकर बाहरी पर्यटक यहां के व्यापारियों के शोषण का शिकार बनते हैं। जिन मामलों में मीडिया या पुलिस की नजर पड़ जाती है, वहां त्वरित कार्रवाई हो जाती है, लेकिन जिनकी आवाज नहीं उठ पाती, वे ठगे जाने को मजबूर रहते हैं।
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