देवेश प्रताप सिंह राठौर
वरिष्ठ पत्रकार
उत्तर प्रदेश, बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, झांसी में गुरुवार को बुंदेलखण्ड औद्योगिक विकास प्राधिकरण (बीड़ा) और विश्वविद्यालय के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित बीड़ा सर्वे और रेलवे औद्योगिक मानचित्रण रिपोर्ट के उपरांत छात्र-छात्राओं और शिक्षकों को माननीय कुलपति प्रो मुकेश पांडे ने प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया गया। इस सर्वे के दौरान बीड़ा क्षेत्र के 33 गाँवों की आर्थिक, सामाजिक, कौशल मानचित्रण, पर्यावरण, और जल संसाधनों पर गहन अध्ययन किया गया। बीड़ा सर्वे के आधार पर गाँवों के समग्र विकास के लिए एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की गई। इसके साथ ही, विश्वविद्यालय ने झांसी डिवीजन के रेलवे औद्योगिक मानचित्रण पर एक अन्य महत्वपूर्ण परियोजना को भी सफलतापूर्वक पूरा किया। इस परियोजना का उद्देश्य झांसी मंडल के औद्योगिक ढांचे और रेलवे से जुड़े संसाधनों का गहन विश्लेषण करना और उसके आधार पर रणनीतिक सुझाव देना था। बीड़ा सर्वे में विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने ग्रामीणों से पर्यावरण और जल संसाधनों पर आधारित प्रश्नावली के माध्यम से महत्वपूर्ण जानकारी एकत्रित की। इस प्रक्रिया में ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति, सामाजिक परिस्थितियां, कौशल क्षमता, पर्यावरणीय चुनौतियां, और जल संसाधनों की उपलब्धता का गहन अध्ययन किया गया।
कार्यक्रम में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय के माननीय कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने इस उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए पूरी टीम और सहभागी छात्रों को बधाई दी। उन्होंने कहा, "यह सर्वेक्षण और रेलवे औद्योगिक मानचित्रण परियोजना ग्रामीण और औद्योगिक विकास में मील का पत्थर साबित होंगे। इससे न केवल छात्रों को व्यावहारिक कौशल ज्ञान मिलेगा, बल्कि उनके सामाजिक और शैक्षणिक जुड़ाव को भी मजबूती मिलेगी।"
इस अवसर आईक्यूएसी निदेशक प्रो. सुनील कविया ने बताया कि इस सर्वे ने 33 गाँवों की आर्थिक, सामाजिक और पर्यावरणीय स्थितियों का गहन अध्ययन किया गया है जिससे झाँसी क्षेत्र के ग्रामीण और आर्थिक विकास की दिशा तय की गई। साथ ही साथ रेलवे मानचित्रण परियोजना ने झांसी डिवीजन के औद्योगिक संसाधनों का विश्लेषण कर विकास की रणनीतियाँ तैयार की। यह पहल छात्रों को व्यावहारिक ज्ञान और समाजिक जुड़ाव का बेहतरीन अवसर प्रदान करती है, इसके अलावा, कुलसचिव विनय कुमार सिंह, एवं परीक्षा नियंत्रक राज बहादुर सिंह ने कहा कि बीड़ा सर्वे और झाँसी डिविजन रेलवे औद्योगिक मानचित्रण परियोजना की सफलता पर हम गर्व महसूस करते हैं। इस परियोजना ने न केवल ग्रामीण विकास को प्राथमिकता दी, बल्कि औद्योगिक ढांचे के सुधार के लिए भी रणनीतियाँ तैयार कीं।जिसके लिए हम सभी छात्रों और शिक्षकों को उनके अद्वितीय योगदान के लिए बधाई देते है । यह संयुक्त प्रयास विश्वविद्यालय की सामाजिक और औद्योगिक जिम्मेदारी के सपने को साकार करने के मार्ग प्रदर्शित करता है।
इस अवसर पर छात्रों और शिक्षकों के योगदान की प्रशंसा की गई और उनको सभी को प्रमाण पत्र प्रदान किए साथ ही उन्हें ग्रामीण विकास और औद्योगिक परियोजनाओं में अपनी सक्रिय भागीदारी जारी रखने के लिए प्रेरित किया गया इस अवसर पर कार्यक्रम में शिक्षक एवं छात्र उपस्थित रहे प्रो. विनीत कुमार, डॉ. यशोधरा शर्मा, डॉ. अमित पाल, डॉ. ज्योति कुमारी मिश्रा, डॉ. शिल्पा मिश्रा, डॉ. जी.के. श्रीनिवासन, इं. साबिर अली, हेमंत चंद्रा, डॉ. अंजलि सक्सेना, डॉ. चेतन आनंद दुबे, डॉ. ग़ज़ाला अहमद, डॉ. सत्येंद्र के. चौधरी, डॉ. आशीष वर्मा, हितिका यादव, आस्था सिंह, चंद्रभान प्रजापति, सोनू रावत, और जितेंद्र कुमार, सुजैन खान, गंगा तलवार ,खुशबू मंसूरी, प्रशांत नागर आदि
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