महंत के निधन से संत समाज में शोक की लहर, जसपुरा घाट में हुआ अंतिम संस्कार
जसपुरा, के एस दुबे । महामंडलेश्वर 1008 बड़ा मंदिर रामजानकी के महंत रामचरन दास महराज का सोमवार को स्वर्गवास हो गया। उनके निधन से संत समाज में शोक की लहर दौड़ गई। उनका अंतिम संस्कार उनके शिष्य महंत किशन दास महराज की देखरेख में जसपुरा घाट पर किया गया। अंतिम संस्कार में चारों जनपदों से आए सैकड़ों महंत और क्षेत्रीय ग्रामीण शामिल हुए। महंत रामचरन दास महराज के अंतिम संस्कार में दूर-दराज से आए महंत नरोत्तम दास, संतोष दास, लोकेन्द्र दास, संतदास, रामानुग्रह दास, बाबा दास समेत अनेक
महंत रामचरन दास। फाइल फोटो |
संत उपस्थित रहे। इस दौरान बड़ा मंदिर के पूर्व महंत रहे स्वर्गीय कामता दास,स्व. मधुसूदन दास,स्व. रघुनाथ दास, और स्व. रामकुमार दास महराज को भी श्रद्धा से याद किया गया। महंत रामचरन दास महराज की साधना और सेवाओं को याद करते हुए श्रद्धांजलि दी गई। गांव और क्षेत्र के लोगों ने भारी संख्या में पहुंचकर अपने प्रिय महंत को अंतिम विदाई दी। उनकी सरलता और आध्यात्मिकता के कारण वे सभी के प्रिय थे। संत
जसपुरा घाट में अंतिम संस्कार में शामिल ग्रामीण। |
समाज और श्रद्धालुओं ने उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की। महंत किशन दास महराज ने कहा कि गुरुजी ने हमें धर्म और सेवा का जो मार्ग दिखाया, उसे आगे बढ़ाना हमारा कर्तव्य है। रामजानकी मंदिर में अगले तीन दिनों तक भजन-कीर्तन और श्रद्धांजलि सभा आयोजित की जाएगी।
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