चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । राष्ट्रीय बालिका दिवस पर जन कल्याण शिक्षण प्रसार समिति के सचिव शंकर दयाल ने कहा कि शिक्षा बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई को समाप्त करने का सबसे प्रभावी हथियार है। हालांकि सरकार ने 14 वर्ष तक मुफ्त शिक्षा का प्रावधान किया है, परंतु आर्थिक व सामाजिक कारणों से गरीब परिवारों की बेटियां उच्च शिक्षा से वंचित रह जाती हैं व बाल विवाह का शिकार होती हैं। बाल विवाह न केवल लड़कियों की शिक्षा और स्वास्थ्य को प्रभावित करता है, बल्कि उनके आत्मनिर्भर बनने के अवसर भी छीन लेता है।
बाल विवाह मुक्ति का अभियान चलाते ग्रामीण |
आंकड़ों के अनुसार, महिला साक्षरता दर और बाल विवाह के बीच गहरा संबंध है। केरल और मिजोरम जैसे राज्यों में जहां साक्षरता दर 93ः से अधिक है, वहां बाल विवाह का स्तर काफी कम है। वहीं, बिहार और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों में साक्षरता दर कम होने से बाल विवाह का प्रचलन अधिक है। बाल विवाह के उन्मूलन के लिए 18 वर्ष तक मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान किया जाना चाहिए। साथ ही, कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने होंगे। शिक्षा और जागरूकता से ही लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाया जा सकता है, जिससे समाज में सकारात्मक बदलाव व लैंगिक समानता को बढ़ावा मिलेगा।
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