प्रमाण पत्र बनवाने के लिए जिला मुख्यालय की दौड़ लगाने को मजबूर ग्रामीण
फर्जी व मानक विहीन कार्यों की टीएसी जांच कराए जाने की मांग
बांदा, के एस दुबे । अतर्रा तहसील क्षेत्र अंतर्गत ग्राम पंचायत गजपतिपुर खुर्द का पंचायत भवन वर्तमान समय में सन्नाटे में डूबा हुआ है। यहां पर प्रधान और सचिव के न बैठने से ग्रामीणों को प्रमाण पत्र, जन्म व मृत्यु प्रमाण पत्र आदि के कार्यों के लिए जिला मुख्यालय की दौड़ लगानी पड़ रही है। दूसरी ओर ग्राम पंचायत के सदस्यों द्वारा लगातार भ्रष्टाचार को उजागर किया जा रहा है और कार्रवाई की मांग की जा रही है। ग्रामीणों द्वारा शपथ पत्र के माध्यम से ग्राम प्रधान व सचिव द्वारा ग्राम पंचायत में कराए गए विभिन्न निर्माण कार्याें में जिस तरह से धन डकारा गया है, उसकी लगातार शिकायत शपथ पत्र के साथ आयुक्त से की गई है। साथ ही यह मांग की है कि पूरे मामले की जांच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्रवाई की जाए और गबन की गई राशि को वसूला जाए। ग्रामीणों का यह भी आरोप है कि ग्राम पंचायत का सचिवालय बंद पड़ा रहता है। यहां पर न तो ग्राम प्रधान बैठते हैं और न ही
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सूना पड़ा गजपतिपुर खुर्द गांव का पंचायत भवन। |
सचिव। जिसके परिणामस्वरूप ग्रामीणों को शासन की योजनाओं के अंतर्गत तथा जन्म, मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाने के लिए परेशानियों के दौर से गुजरना पड़ता है, लेकिन जरूरत पड़ने पर इन प्रमाण पत्रों को बनवाने के लिए ग्रामीणों को जिला मुख्यालय आना पड़ रहा है। इसमें उन्हें धन व समय की बर्बादी का दंश भी झेलना पड़ रहा है। ग्रामीणों द्वारा शपथ पत्र के साथ आयुक्त अजीत कुमार से अपनी पीड़ा जब बताई गई तो उन्होंने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया है। ग्रामीणों ने आयुक्त द्वारा लिए गए निर्णय पर संतोष जरूर व्यक्त किया है, लेकिन यह आशंका भी जताई है कि दोषियों के विरूद्ध व ग्राम पंचायत में कराए गए फर्जी व मानक विहीन निर्माण कार्यों की टीएसी जांच कब सुनिश्चित होगी। ग्रामीणों का कहना है कि वह गांव में भ्रष्टाचार से युक्त कार्यों की शिकायत आयुक्त से शपथ पत्र के माध्यम से पहले ही कर चुके हैं। जिनमें ग्राम पंचायत सदस्य चुन्नीलाल, रामदुलारे, शिवभवन, चिरौंजीलाल, सुरेश गुप्ता, अमित कुमार, केशव गुप्ता आदि शामिल हैं।
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