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Saturday, March 1, 2025

गुंता नदी के सूखने से जल संकट की आहट, ग्रामीण चिंतित

शिक्षण संस्थानों में भी पानी की किल्लत

रामनगर/चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । गर्मी का प्रकोप अभी पूरी तरह से शुरू भी नहीं हुआ है, लेकिन ग्रामीण अंचलों में जल संकट की गंभीर समस्या उभरने लगी है। कई गांवों के हैंडपंप पानी की जगह हवा उगलने लगे हैं, जिससे ग्रामीणों को पीने के पानी के लिए भारी मशक्कत करनी पड़ रही है। रैपुरा की गुंता नदी के सूखने से आसपास के गांवों में पानी की समस्या विकराल रूप ले रही है। ग्रामीणों के अनुसार, नदियों के पुनर्जीवन को अगर मनरेगा जैसी योजनाओं के तहत सफाई और खुदाई कराई जाती, तो जलस्रोतों को संजीवनी मिल सकती थी। लेकिन ब्लॉक और ग्राम पंचायत स्तर पर अब तक कोई ठोस योजना नहीं बनाई गई है, जिससे समस्या और गहरी होती जा रही है।  


ग्राम पंचायत अतरसुई के गोबरौल सहित रामनगर, हन्ना, लोधौरा बरेठी, इंटवा, रेरुवा, छीबों, पियरियामाफी समेत कई गांवों के परिषदीय स्कूलों में भी पानी की किल्लत गहरा गई है। बीईओ रामनगर एनपी सिंह ने बताया कि लगभग 25 परिषदीय स्कूलों के हैंडपंपों ने काम करना बंद कर दिया है, जिससे मिड-डे मील का संचालन प्रभावित हो रहा है। वहीं बीडीओ वसीम निजामी खां ने बताया कि ग्राम प्रधानों को बिगड़े हैंडपंपों की मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही ग्राम पंचायत के टैंकरों की मरम्मत कराकर जरूरत पड़ने पर जल आपूर्ति सुनिश्चित करने की योजना बनाई गई है। जब अभी से ही जल संकट इतना भयावह है, तो गर्मी के चरम पर यह समस्या और विकराल हो सकती है। नदियों के पुनरुद्धार और जलसंरक्षण’ को लेकर यदि जल्द ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो आने वाले दिनों में स्थिति और गंभीर हो सकती है।


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