जनपद में 1250 और शहर में 137 स्थानों पर जली होलिका, तैनात रही पुलिस
लोगों ने एक-दूसरे को लगाया गुलाल, दी होली की शुभकामनाएं
डीजे की धुन पर जमकर थिरके होरियारे, आज खेला जाएगा रंग
बांदा, के एस दुबे । गुरुवार की रात को होलिका दहन के बाद रंगबाजी का सिलसिला शुरू हो गया। होलिका दहन के साथ ही लोगों ने एक-दूसरे को गुलाल और रंग लगाया। डीजे की धुन पर होरियारे जमकर थिरके। इधर, होलिका दहन के पर्व पर भी भद्राकाल की छाया को लेकर भ्रम की स्थिति बरकरार रही। ज्योतिषियों के मत के अनुसार भद्राकाल में होलिका दहन करना वर्जित है, ऐसे में भद्राकाल समाप्त होने के बाद ही लोगों को घरों व चौराहों पर होलिका दहन किया। गुरुवार की रात को जनपद में 1250 स्थानों पर होलिका दहन किया गया। होलिका दहन के दौरान शहर व कस्बों समेत ग्रामीण क्षेत्रों में रंगबाजी का सिलसिला शुरू हो गया। लोगों ने एक-दूसरे को रंग लगाया और होली पर्व की शुभकामनाएं दीं। वैसे तो बीते कुछ वर्षों से लगातार ऐसा देखने में आ रहा है कि विशेष त्योहार दीपावली और रक्षाबंधन में भद्राकाल के चलते पर्व दो दिन मनाये जा रहे थे, लेकिन ऐसा कई साल बाद हुआ कि जब होलिका दहन पर भी भद्राकाल का असर दिखाई दिया। ज्योतिषाचार्यों के मतानुसार गुरुवार को सुबह 10.35 बजे से रात 11.29 मिनट तक भद्राकाल की छाया रहेगी। ऐसे में भद्राकाल की समाप्ति के बाद ही होलिका दहन को शुभ बताया गया है। ऐसे में भद्रा की छाया समाप्त होते ही गुरुवार की रात 11.29 बजे से होलिका दहन का शुभ मुहूर्त बताया गया है। शुभ मुहूर्त के अनुसार लोगों ने होलिका में अग्नि देकर होलिका महारानी की परिक्रमा की और गेहूं की बाली व चने का बिरवा होलिका को अर्पण करने के बाद स्वयं प्रसाद रूप में ग्रहण किया। होलिका दहन होने के साथ ही लोगों ने एक-दूसरे को माथे पर अबीर का तिलक लगाया और गालों पर जमकर गुलाल मला। होलिका दहन के बाद लोगों ने रंग खेलना भी शुरू कर दिया। उधर होरियारों ने त्योहार पर बाजार में आई विशेष टोपियां पहनकर होलिका दहन के बाद डीजे में होली के गीतों पर जमकर डांस किया। देर रात तक होरियारे संगीत पर अपनी धुन में थिरकते रहे। अब शुक्रवार और शनिवार को यहां जमकर होली खेली जायेगी। होली के त्योहार पर हुड़दंग में किसी प्रकार की अप्रिय घटना न होने पाये इसको ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी ने भांग और शराब की दुकानें शुक्रवार की सुबह दस बजे से शाम 5 बजे तक पूरी तरह से बंद रखने का आदेश दिया है। इधर, गुरुवार की रात को होलिका दहन के साथ ही रंगबाजी का सिलसिला शुरू हो गया। होलिका दहन स्थलों पर एक एसआई समेत पांच पुलिस कर्मी तैनात रहे। एएसपी शिवराज ने बताया कि गुरुवार रात को शहर में 137 स्थानों पर होलिका दहन किया गया। 42 संवेदनशील और जबकि 95 होलिका दहन स्थल सामान्य श्रेणी में रखे गए थे। होलिका दहन के दौरान पुलिस तैनात रही।
शहर के चौराहों पर जलती होलिका।
होलिका दहन के साथ शुरू हुआ फाग गायन
बांदा। होलिका दहन के साथ ही ग्रामीण इलाकों में परंपरागत फाग गायन भी शुरू हो गया। लोग ढोलक की थाप के साथ ही मंजीरों की खनक के साथ होलिका दहन स्थल पर ही ईसुरी की चौकड़ियों का आनंद लेते नजर आये। कल शुक्रवार को फाग गायक कलाकारों के साथ होरियारों की टोलियां ग्रामीण इलाकों और कस्बों में नाचते-गाते भ्रमण करेंगी। घर-घर इन टोलियों का मीठी गुझिया से स्वागत होगा।
अबकी बार भी फोड़ी जाएंगी मटकी
बांदा। शहर के तकरीबन आधा दर्जन मोहल्लों कालूकुआं, खुटला, छोटी बाजार, बन्यौटा, बाबूलाल चौराहा, डीएम कॉलोनी आदि में ‘गोविंदा आला रे’ गीत पर शुक्रवार को रंगों के बीच दही की मटकी फोड़ी जायेंगी। होरियारे आज होलिका दहन के दिन से ही इसकी तैयारी में जुट गये हैं। मटकी फोड़ने के लिये एक्सपर्ट होरियारों की टीम भी तैयार की गई है। इन लड़कों की अलग-अलग वेशभूषा का भी प्रबंध किया गया है। कुल मिलाकर समूचा जनपद होली की मस्ती में सराबाेर होने को पूरी तरह से तैयार है और रंग-गुलाल के बीच होली का त्योहार मनाने को उत्सुक है।
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