गौमाताओं को 108 व्यंजनों का भोग लगा श्री सदगुरू गौ सेवा केंद्र का वार्षिक उत्सव संपन्न - Amja Bharat

asd

All Media and Journalist Association

Friday, April 4, 2025

demo-image

गौमाताओं को 108 व्यंजनों का भोग लगा श्री सदगुरू गौ सेवा केंद्र का वार्षिक उत्सव संपन्न

28 वर्षों से हो रही गौमाताओं की सेवा

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि - परमहंस संत रणछोड़ दास जी महाराज की पावन प्रेरणा से चित्रकूट के जानकीकुंड में संचालित सेवा संस्थान श्री सदगुरु सेवा संघ ट्रस्ट के अंतर्गत श्री सदगुरु गौ सेवा केंद्र का वार्षिक उत्सव श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया गया। इस कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रामकथा वक्ता पूज्य महाराज उमाशंकर जी व्यास, ट्रस्टी श्रीमती रूपल मफतलाल, डॉ. बी.के. जैन, डॉ. इलेश जैन, मिलोनी बेन, पूज्य दमयंती बेन, पूज्य रमाबेन,संचालिका उषा बी.जैन, भारती बेन जोबनपुत्रा सहित देशभर से आए गुरुभाई-बहनों एवं गौभक्तों ने भाग लिया।कार्यक्रम का शुभारंभ संतों के पूजन एवं गौ माता की आरती पूजन एवं 108 व्यंजन के भव्य अन्नकूट का गौमाताओं के भोग के साथ हुआ | इस अवसर पर उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए केन्द्र की संचालिका श्रीमती उषा जैन ने कहा, "श्री सदगुरु गौ सेवा केंद्र विगत 28 वर्षों से गौ माता की सेवा में समर्पित है। यह केंद्र

WhatsApp%20Image%202025-04-04%20at%2020.40.21

असहाय, बीमार और बेसहारा गायों की सेवा के लिए स्थापित किया गया था और आज यहां 1200 से अधिक गौमाताएँ निवास कर रही हैं, जिनकी देखभाल, पोषण और चिकित्सा की समुचित व्यवस्था की जाती है।"उन्होंने बताया कि इस केंद्र की स्थापना 1998 में स्वर्गीय श्री अरविंद भाई मफतलाल जी की प्रेरणा से की गई थी। ट्रस्ट द्वारा गौ सेवा को पर्यावरण संरक्षण और आत्मनिर्भरता से जोड़ा गया है, जिससे यह गौशाला न केवल गायों का आश्रय स्थल बनी है, बल्कि आत्मनिर्भरता की दिशा में भी कार्य कर रही है। ट्रस्ट द्वारा गौ-काष्ठ और गौ-आधारित उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भरता को बढ़ावा दिया जा रहा है।पूज्य महाराज श्री उमाशंकर जी ने अपने उद्बोधन में कहा कि गौ सेवा सनातन धर्म का एक महत्वपूर्ण अंग है और भारतीय संस्कृति में गौ माता को विशेष स्थान प्राप्त है। उन्होंने कहा कि गौ माता की सेवा करने से धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष की प्राप्ति होती है।इस अवसर पर ट्रस्ट के अध्यक्ष एवं ट्रस्टी श्री विशद भाई, श्रीमती रूपल बेन, डॉ. बी. के. जैन, डॉ. इलेश जैन, डॉ. विष्णु भाई, मनोज भाई, रघु भाई सहित अन्य सभी ट्रस्टियों का योगदान सराहनीय बताया गया। गौशाला के समर्पित कार्यकर्ताओं एवं गौपालकों की सेवा भावना की भी सराहना की गई, जो हर परिस्थिति में गौ माता की सेवा में तत्पर रहते हैं।अंत में, श्रीमती जैन ने सभी गौभक्तों से आह्वान किया कि वे गौ माता की रक्षा एवं सेवा के लिए आगे आएं और इस पुण्य कार्य को अपनी अगली पीढ़ी तक पहुँचाने का संकल्प लें।

No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages

Contact Form

Name

Email *

Message *