जिले में अब तक रोके गए छह बाल विवाह, लगातार चलाया जा रहा अभियान
फतेहपुर, मो. शमशाद । बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रति जागरूक करने हेतु एक विचार गोष्ठी का आयोजन बाल कल्याण समिति के सभागार में अध्यक्ष राजेंद्र प्रसाद साहू की अध्यक्षता में संपन्न हुई। गोष्ठी की अध्यक्षता कर रहे अध्यक्ष श्री साहू ने कहा कि 30 अप्रैल को अक्षय तृतीया है। इस दिन बाल विवाह करने करने की प्रथा है। जो एक सामाजिक और कानूनी बुराई है। इसे रोकने के लिए राष्ट्रीय बाल संरक्षण अधिकार आयोग प्रत्येक वर्ष जागरूकता अभियान संचालित करती है। कहा कि जनपद में पूरे वर्ष में छह बाल विवाह रुकवा गए। जागरूकता अभियान को और सघन बनाने हेतु समस्त जूनियर से लेकर महाविद्यालयों में जागरूकता कैंप लगाकर विद्यार्थियों को बाल विवाह के प्रति जागरूक करने की आवश्यकता है। समस्त मैरिज हालों को भी निर्देश देने की आवश्यकता है कि उनके यहां कोई भी बाल विवाह न होने पाए। बाल कल्याण समिति की सदस्य अपर्णा पांडेय ने बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए कहा कि लड़की की 18 वर्ष एवं लड़के की 21 वर्ष
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| विचार गोष्ठी में भाग लेते राजेन्द्र साहू व अन्य। |
से पहले शादी करना सामाजिक, कानूनी अपराध है। यदि बाल विवाह किया गया तो विवाह में सम्मिलित सभी लोगों के ऊपर कानूनी कार्यवाही होगी। जिसमें दो वर्ष की जेल व एक लाख का जुर्माना हो सकता है। सब इंस्पेक्टर उपदेश कुमार व महिला कांस्टेबल कोमल भारद्वाज ने कहा कि अपने क्षेत्र पर यह निगरानी रखते हैं। सभी समुदाय के लोगों से हमेशा कहते रहते हैं कि अपने बच्चों को अच्छी और पूरी शिक्षा दें ताकि वह अपने जीवन में स्वयं से निर्णय लेकर आत्मनिर्भर बन सके और सुखमय जीवन जी सके। गोष्ठी में बाल कल्याण समिति के सदस्य कल्पना मिश्रा, चाइल्ड हेल्पलाइन के अंकित जायसवाल, जिला बाल संरक्षण इकाई के अमित कुमार, अंकित कुमार, घर से पलायन कर बाल विवाह कर लेने वाली पीड़िताएं उनके अभिभावक, सपोर्ट पर्सन पोक्सो एक्ट, बाल कल्याण समिति व जिला बाल संरक्षण इकाई के समस्त स्टाफ उपस्थित रहे।


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