चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । दीनदयाल शोध संस्थान कृषि विज्ञान केंद्र, मझगवां में 8 अप्रैल से 17 अप्रैल तक पोषण पखवाड़ा का आयोजन किया गया, जिसमें बरुआ, पिंडरा, केलहौरा सहित कई पंचायतों की 40 ग्रामीण महिलाओं ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं और बच्चों के पोषण स्तर में सुधार और संतुलित आहार की अहमियत को लेकर जागरूकता फैलाना रहा।
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| पोषण पखवाड़े में मौजूद महिलाएं व बच्चे |
डॉ हेमराज द्विवेदी (खाद्य प्रसंस्करण वैज्ञानिक) ने बताया कि गर्भवती महिलाएं, स्तनपान कराने वाली माताएं, किशोरियाँ और छोटे बच्चों के लिए पोषण युक्त भोजन जरूरी है। उन्होंने सिखाया कि स्थानीय संसाधनों से कैसे पोषणयुक्त थाली तैयार की जा सकती है। डॉ पंकज शर्मा ने पोषण वाटिका, परंपरागत खाद और प्राकृतिक कीट नियंत्रण की विधियाँ बताईं, जबकि मृदा वैज्ञानिक डॉ अशोक शर्मा ने मिट्टी जांच, संतुलित उर्वरक प्रयोग व वर्षा जल संचयन पर प्रशिक्षण दिया। प्रतिभागियों ने केवीके की प्रदर्शनी इकाइयों का भी भ्रमण किया। कार्यक्रम में समाज शिल्पी दयाराम यादव सहित अनेक ग्रामीण महिलाएं उपस्थित रहीं और इसे ग्रामीण स्वास्थ्य के क्षेत्र में सशक्त पहल बताया।


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