असिस्टेंट प्रोफेसर ने सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को व्यवहारिक दृष्टिकोण से समझाया
फतेहपुर, मो. शमशाद । डॉ. भीमराव अंबेडकर जयन्ती के पंद्रह दिवसीय उत्सव के अंतर्गत महाविद्यालय में भारतीय संविधान एवं पर्यावरण संरक्षण विषय पर एक स्लोगन लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्राचार्या प्रो. गुलशन सक्सेना ने मां सरस्वती व डॉ. भीमराव अंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण व दीप प्रज्जवलन के साथ हुआ। प्रो. सक्सेना ने अपने उद्बोधन में डॉ. अंबेडकर के जीवन संघर्ष और उनके द्वारा संविधान में अंतर्निहित सामाजिक समानता एवं न्याय के आदर्शों का संक्षिप्त परिचय देते हुए उपस्थित सभी को इन मूल्यों को आत्मसात् कर समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने का आह्वान किया। वनस्पति विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर रमेश सिंह ने भारतीय संविधान की 12 अनुसूचियों पर गहन चर्चा करते हुए संविधान की विभिन्न अनुसूचियों में निहित अधिकारों, कर्तव्यों तथा सामाजिक न्याय के सिद्धांतों को व्यावहारिक दृष्टिकोण से समझाया। उन्होंने उपस्थित श्रोताओं को संविधान के अनुच्छेदों एवं अनुसूचियों का आदर्श अनुपालन करने हेतु प्रोत्साहित
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| स्लोगन प्रतियोगिता में हिस्सा लेतीं छात्राएं। |
किया। इसी क्रम में बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा रिफ़ात जहां ने पर्यावरण संरक्षण एवं सामुदायिक दायित्व विषय पर प्रेरक भाषण देते हुए कहा कि वृक्षारोपण केवल पर्यावरण संवर्धन का माध्यम नहीं, बल्कि हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए जीवनदायिनी होगा। इस अवसर पर अधिकाधिक संख्या में छात्राओं ने भारतीय संविधान एवं पर्यावरण संरक्षण विषय के विविध आयामों पर भिन्न भिन्न प्रेरक स्लोगन बनाये। जिनका मूल्यांकन प्रो. शकुन्तला, प्रो. लक्ष्मीना भारती, डॉ. मधुलिका श्रीवास्तव, डॉ. अनुष्का छौंकर एवं डॉ. राजकुमार ने किया। संविधान आधारित प्रतियोगिता में प्रथम स्थान बुशरा फातिमा, रौशनी द्वितीय तथा तृतीय स्थान संयुक्त रूप से काजल देवी, साइमा रईस व कृति सिंह को मिला एवं पर्यावरणीय संरक्षण विषयक स्लोगन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान शगूफ़ी शैख़, द्वितीय स्थान संयुक्त रूप से सदफ बानो व सुष्मिता सिंह ने एवं तृतीय स्थान अंशिका पटेल ने प्राप्त किया। संचालन डॉ. अनुष्का छौंकर ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक व कर्मचारियों ने उपस्थित होकर छात्राओं का उत्साहवर्धन किया।


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