सरस्वती शिशु मंदिर केन पथ मंदिर में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का छठवां दिन
छठवें दिन हुआ उद्धव चरित्र,महारासलीला और रुक्मिणी विवाह का वर्णन
बांदा, के एस दुबे । जहा राम तह काम नहि जहा काम नही राम। तुलसी दोनों रही सके रवि रजनी एक ठाम,! श्रीमद् भागवत कथा के छठे दिन कथावाचक नवलेश महाराज जी ने यह उद्गार व्यक्त किये। उन्होंने उद्धव चरित्र,महारासलीला और रुक्मिणी विवाह का वर्णन किया। उन्होंने बताया कि गोपियों ने श्रीकृष्ण को पति रूप में पाने की इच्छा जताई। श्रीकृष्ण ने इस कामना को पूरा करने का वचन दिया। बामदेवेश्वर की पावन नगरी मे सरस्वती शिशु मंदिर केन पथ केवटरा बांदा मेआयोजित श्रीमद्भागवत कथा ज्ञान यज्ञ सप्ताह के छठवें दिन चित्रकूट धाम से पधारे नवलेश जी महाराज ने भगवान कृष्ण योगेश्वर हैं उन्होंने इस लीला के माध्यम से काम पर विजय प्राप्त
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| श्रीमद् भागवत कथा का बखान करते नवलेश महाराज |
करते हुए संसार को जीवन का मार्ग बताया इसके साथ ही ब्रम्हा जी का मोह ,कंस का संहार ,एवम रुकमणि विवाह, आदि कथाओ की चर्चा की कथा सुनकर श्रोता भाव विभोर हो गये। उन्होंने भगवान श्रीकृष्ण की दिव्य महारास लीला का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान की महारास लीला इतनी दिव्य है कि स्वयं भोलेनाथ उनके बाल रूप के दर्शन करने के लिए गोकुल पहुंच गए। मथुरा गमन प्रसंग में अक्रूर जी भगवान को लेने आए। जब भगवान श्रीकृष्ण मथुरा जाने लगे समस्त ब्रज की गोपियां भगवान कृष्ण के रथ के आगे खड़ी हो गई। कहने लगी हे कन्हैया जब आपको हमें छोड़कर ही जाना था तो हम से प्रेम क्यों किया। नवलेश जी महाराज ने बताया कि रुक्मणी का बड़ा भाई रुक्मी श्रीकृष्ण से शत्रुता रखता था और अपनी बहन का विवाह राजा दमघोष के पुत्र शिशुपाल से कराना चाहता था। इसीलिए श्रीकृष्ण ने हरण कर रुक्मणी से विवाह किया। कथा व्यास के मुख से विवाह का
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| मौजूद श्रोतागण |
विस्तार वर्णन सुनकर श्रद्धालु गदगद हो उठे।कथा के दौरान संगीतमय भजन गीतों से देर शाम तक भक्तिमय माहौल बना रहा। श्री कृष्ण एवं रुकमणी विवाह उत्सव पर मनोहर झांकी प्रस्तुत की गई।कथा परीक्षित श्रीमती कमला देवी-कृष्ण दुलारे शुक्ला ने भगवान की आरती उतारी। कथा प्रांगण में राजू त्रिपाठी (राज), सुधीर तिवारी, फूलचंद तिवारी, अवधेश द्विवेदी, सुरेश चंद्र शुक्ला, रामविलास शुक्ला, देव कुमार शुक्ला, सुदामा प्रसाद शुक्ला, राजकुमार शुक्ला, राजेश कुमार शुक्ला, जयशंकर द्विवेदी, प्रांजल शुक्ला, अमित तिवारी, आशीष, अजय, अभय, बलराम, सोनू, श्यामू, प्रदीप, अनुराधा, प्रदीप, जड़िया, शिल्पी त्रिपाठी, श्रीमती वंदना, श्रीमती प्रीति तिवारी, प्रिंसी शुक्ला, प्रियांशी तिवारी, निर्मला तिवारी, गौरी शुक्ला, विनीत द्विवेदी, श्रीमती सुनीता शिवहरे सहित सैकड़ों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे।



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