लाठी चार्ज पर कुलपति ने की कडी निंदा
न्याय को दर दर भटकते दिव्यांग
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । चित्रकूट के दिव्यांग विश्वविद्यालय में गुरूवार को छात्रों व कुलपति के बीच एक बैठक हुई, जिसमें छात्र अपनी न्यायिक मांगों को लेकर खुलकर सामने आए। छात्रों ने दोषी शिक्षकों और कर्मचारियों की तत्काल गिरफ्तारी व सस्पेंशन की मांग की, साथ ही यह भी आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय प्रशासन उनकी परेशानियों को न केवल नजरअंदाज कर रहा है, बल्कि उन्हें समाधान की बजाय सिर्फ दौड़ाया जा रहा है। जब छात्रों ने विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर कुमार पांडेय से अपने सवाल किए, तो उन्होंने कहा कि एफआईआर मेरे अधिकार क्षेत्र में नहीं आता, आप लोग न्यायपालिका का सहारा लें। छात्रों ने बताया कि जब उन्होंने डीएम से संपर्क करने का प्रयास किया, तो उन्होंने बताया कि जल्द ही जांच रिपोर्ट आएगी। मगर अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं
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| दिव्यांग छात्रों से वार्ता करते कुलपति |
की गई है। डीएम व विश्वविद्यालय प्रशासन की इस चुप्पी ने छात्रों के दिलों में और भी सवाल खड़े कर दिए हैं। छात्रों का आरोप है कि जहां एक तरफ वे न्याय की उम्मीद कर रहे हैं, वहीं दूसरी ओर उन्हें सिर्फ दौड़ाया जा रहा है। क्या प्रशासन का उद्देश्य हमें सिर्फ परेशान करना है, या कि हमें न्याय देना? छात्रों के इस सवाल ने प्रशासन की नीयत पर बड़ा प्रश्नचिन्ह लगा दिया है। अंत में, सवाल है कि क्या विश्वविद्यालय संविधान के दायरे से बाहर है, या फिर यह एक ठोस योजना का हिस्सा है, जिसमें साजिशन दिव्यांग छात्रों को न्याय न मिल सके?
कुलपति की कडी निंदा
विश्वविद्यालय के कुलपति शिशिर कुमार पांडेय ने बताया कि विश्वविद्यालय इस बर्बर घटना की कड़ी निंदा करता है और स्थिति को सामान्य करने के लिए पठन-पाठन का माहौल फिर से बनाने की कोशिश की जा रही है। आगे बताया कि इस मुद्दे पर दो समितियाँ गठित की गई हैं- एक विश्वविद्यालय प्रशासन की और दूसरी जिला प्रशासन की। यह भी कहा कि हमारे पास 5 सदस्यीय टीम है, जिसमें एक छात्र का प्रतिनिधि भी शामिल है। निष्पक्ष जांच की जा रही है। जांच आख्या आने पर कडी कार्रवाई की जाएगी।


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