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Friday, May 16, 2025

संस्कार, संस्कृति व संस्कृत के स्तंभ को मिला साहित्य का सर्वोच्च तिलक

रामभद्राचार्य को मिला 58वां ज्ञानपीठ

चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । भारतीय साहित्य के सर्वोच्च सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से चित्रकूट स्थित तुलसी पीठ के संस्थापक, महान संस्कृताचार्य, महाकवि व दिव्य दृष्टि के प्रतीक जगद्गुरु रामभद्राचार्य को शुक्रवार को विज्ञान भवन नई दिल्ली में आयोजित भव्य समारोह में सम्मानित किया गया। देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें 58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार प्रदान किया। यह सम्मान उन्हें भारतीय साहित्य, विशेषतः संस्कृत भाषा और वेद, पुराण, काव्य

जगद्गुरु रामभद्राचार्य को  58वां ज्ञानपीठ पुरस्कार देती महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

सहित अद्वितीय आध्यात्मिक रचनाओं में किए गए अतुलनीय योगदान के लिए दिया गया। समारोह में देश भर से आए विद्वानों, साहित्यकारों, संतों और राजनेताओं की गरिमामयी उपस्थिति रही। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि जगद्गुरु का जीवन ज्ञान, सेवा और समर्पण का उदाहरण है।


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