अधिवक्ता हितों का मुद्दा गायब
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट पर सवाल
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । बार कौंसिल ऑफ उत्तर प्रदेश के चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आते जा रहे हैं, वकालत जगत में सरगर्मी तेज होती दिख रही है। इसी बीच एडवोकेट काउंसिल ऑफ इंडिया के जिला प्रभारी रामप्रकाश पांडेय ने बड़ा बयान देते हुए आरोप लगाया कि चुनावी मौसम में तरह-तरह के प्रलोभन बांटने का दौर फिर शुरू हो चुका है। उनका कहना है कि कई ऐसे प्रत्याशी, जिन्होंने कभी अधिवक्ताओं के हित में एक कदम नहीं उठाया, अचानक पदों के प्रति अतिआतुर दिखाई दे रहे हैं। यदि यही आतुरता वकीलों के वास्तविक मुद्दों पर होती तो प्रदेश में
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| एडवोकेट काउंसिल ऑफ इंडिया के जिला प्रभारी रामप्रकाश पांडेय |
एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट कब का लागू हो चुका होता। पांडेय ने कहा कि कुछ लोगों की चापलूसी और स्वार्थ सिद्धि ने अधिवक्ताओं के वास्तविक संघर्ष को कमजोर किया है। इस बार भी डायरी, कैलेंडर और पैसे का प्रचलन तेज दिख रहा है, जिससे बड़े सिद्धांतों और मजबूत नेतृत्व वाले उम्मीदवार अक्सर चुनावी दौड़ से बाहर हो जाते हैं। उनका कहना है कि चुनाव में दिखने वाला यह चमक-दमक असल में वकालत के भविष्य और अधिवक्ताओं के हक के मुद्दों को पीछे धकेल रही है।
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