सोसाइटी पदाधिकारियों ने किया प्रदर्शन, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा
बांदा, के एस दुबे । प्राइवेट प्राथमिक चिकित्सा मित्र मेडिकल सोसाइटी पदाधिकारियों ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सोमवार को धरना प्रदर्शन किया। इसके बाद ज्ञापन सौंपते हुए समस्याओं का समाधन कराए जाने की मांग की है। सोसाइटी पदाधिकारियों ने कहा कि विगत 15 वर्षों से संघर्षरत संगठन के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताटों के द्वारा केंद्र व राज्य सरकार, स्थानीय चिकित्सा विभाग व प्रशासनिक अधिकारियों की अन्यायपूर्ण व दमनकारी नीतियों से डिप्लोमाधारी बेरोजगार फार्मासिस्ट परेशान हैं। जबकि वह ग्रामीण क्षेत्रों में प्राथमिक उपचार मरीजों को दे रहे हैं। जन आरोग्य योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्थापित आयुष्मान आरोग्य केंद्रों में प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्रों की अनिवार्यता के साथ डिप्लोमाधारी फार्मासिस्टों की नियुक्ति सुनिश्चित की जाए। प्रतिवर्ष ळजारों की संख्या में निकल रहे फार्मासिस्टों के लिए मेडिकल लाइसेंस प्रक्रिया को सरल बनाने की मांग
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| सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपते हुए सोसाइटी पदाधिकारी। |
की गई। कहा कि निजी नर्सिंग होम और क्लीनिकों के अंदर खुले निजी मेडिकल स्टोरों को बंद कराया जाए, ताकि बाहर खुले अन्य फार्मासिस्टों की आर्थिक दशा में सुधार लाया जा सके। इसके साथ ही सरकारी व गैर सरकारी संस्थानों, औद्योगिक संस्थानों में कार्यरत लोगों के स्वास्थ्य प्रबंधन के लिए एक डिस्पेंसरी खोलना अनिवार्य कर वहां फार्मासिस्टों की नियुक्ति अनिवार्य की जाए। शेड्यूल-के को समाप्त करते हुए प्रत्येक जगह दवा का भंडारण, वितरण और रखख्,ााव केवल प्रशिक्षित फार्मासिस्टों से ही कराया जाए। होलसेल दवा व्यवसाय में फार्मासिस्टों को अनिवार्य करने की मांग भी की गई। कहा कि उत्तर प्रदेश में लगभग ढाई लाख फार्मासिस्ट बेरोजगारी का दंश झेल रहे हैं। इसलिए शेड्यूल-के को खत्म करते हुए प्रदेश में संचालित स्वास्थ्य उपकेंद्र आवासीय विद्यालय, नवोदय विद्यालय व वेटनरी अस्पताल समेत जहां भी दवाओं का भंडारण व वितरण हो रहा है, वहां पर फार्मासिस्टों की नियुक्त की जााए। इस दौरान डॉ. रामराज गुप्ता, डॉ. बबलू गुप्ता, डॉ. उमेश सर्राफा, डॉ. अखिलेश के अलावा बुद्धविलास द्विवेदी, कुलभूषण गुप्ता, संतोष, सौरभ, ललक बाबू, निरंजन, बुद्धविलास कुशवाहा आदि मौजूद रहे।


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