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Tuesday, November 18, 2025

बुंदेलखंड में प्रौद्योगिक क्रांति से खुशहाल और समृद्ध बनेगा किसान

कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि एवं वाराणसी की अग्रणी संस्था के बीच हुआ करार

बांदा, के एस दुबे । कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, कृषि शिक्षा शोध और किसानों की समृद्धि के लिए एक नए अध्याय की शुरूआत करते हुए कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि, वाराणसी की चोलापुर कल्याण फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड (जयश्री नर्सरी), बबियाव के बीच तकनीकी हस्तांतरण और बागवानी विकास पर महत्वपूर्ण समझौते पर हस्ताक्षर किए गए। यह साझेदारी मुख्य रूप से सार्वजनिक-निजी भागीदारी पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप मॉडल पर आधारित है, जिसका लक्ष्य बुंदेलखंड एवं आसपास के क्षेत्रों में उद्यानिकी को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देना है। कृषि एवं प्रौद्योगिक विवि के कुलपति प्रो. एसवीएस राजू ने समझौते को बुंदेलखंड की विशिष्ट परिस्थितिकी (जल संकट और शुष्क जलवायु) के अनुकूल एक टिकाऊ और लाभदायक कृषि मॉडल बताते हुए कहा कि उद्यानिकी कम

करार पत्र के साथ कृषि विवि एवं संस्था के पदाधिकारी।

पानी में भी अधिक आय सुनिश्चित करने का प्रभावी विकल्प है और यह किसानों को विश्वस्तरीय कृषि मानकों के अनुरूप खेती करने के लिए प्रेरित करेगा। विश्वविद्यालय की ओर से प्रो. एसवी द्विवेदी व एफपीओ की ओर से निदेशक शैलेन्द्र रघुवंशी ने समझौते पर हस्ताक्षर किए। इस अवसर पर अधिष्ठाता डॉ. सत्यव्रत द्विवेदी ने उद्यान महाविद्यालय के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह तकनीकी हस्तांतरण कार्यक्रम का ज्ञान एवं शोध केंद्र बनेगा फल विज्ञान के प्राध्यापक डॉ. आनंद सिंह, निदेशक प्रशासन डॉ. नरेंद्र सिंह और वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. सुभाष चंद्र सिंह ने इस पहल की सराहना करते हुए कहा कि यह समझौता किसानों को तकनीकी प्रशिक्षण और स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर प्रदान करके बुंदेलखंड को पारंपरिक खेती से हटाकर आधुनिक, लाभदायक और टिकाऊ बागवानी की ओर ले जाने की दिशा में एक बड़ा परिवर्तनकारी कदम साबित होगा।


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