हार्पर क्लब में आयोजित किया गया साहित्य कला सहकार महोत्सव
बांदा, के एस दुबे । हार्पर क्लब के हाल में आयोजित साहित्य कला सहकार महोत्सव के दूसरे और अंतिम दिन हिंदी के सुप्रसिद्ध कथाकार अखिलेश को प्रथम शान्ति एवं देवेंद्र नाथ खरे स्मृति सम्मान से सम्मानित किया गया। यह सम्मन वरिष्ठ कवि नरेश सक्सेना ने प्रदान किया। कथाकार अखिलेश को सम्मानित करते हुए कहा कि वह समकालीन कथा और कथेतर गद्य के क्षेत्र में अपनी प्रतिबद्ध वैचारिकी के साथ सार्थक एवं मूल्यवान योगदान करने वाले महत्वपूर्ण हस्ताक्षर हैं। उनका लेखन संभावनाओं की सतत तलाश के लिए जाना जाता है। इसके पूर्व सांस्कृतिक संकट और हिंदी कविता पर आयोजित व्याख्यान पर मुख्य वक्तव्य देते हुए प्रसिद्ध कवि मदन कश्यप ने
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| कथाकार अखिलेश को सम्मानित करते अतिथि। |
कहा कि संस्कृति को धर्म का पर्याय मान लेने का संकट ही ज्यादा है। कई बार सामाजिक कुरीतियां भी संस्कृति मान ली जाती है। कुछ मिथक जो संस्कृति के नाम पर गढ़ लिए गए वह एक मूल संकट है। सांस्कृतिक और भाषाई संकट गंभीर और स्थाई राजनैतिक संकट भी पैदा करता है। अध्यक्षता नरेश सक्सेना ने करते हुए कहा कि आज का संकट कविता संस्कृति का होते हुए मनुष्यता का ही संकट है। अंततः कविता और कलाएं ही हमें मनुष्य बनाती हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के प्रोफेसर नीरज खरे और सुशील गर्ग ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के हॉलैंड हॉल से संबद्ध रहे कवियों के संकलन समवेत का विमोचन भी कार्यक्रम के अंत में किया गया। संचालन नीलाभ खरे और अमिताभ खरे ने किया। कार्यक्रम में सुशीला टाकभौरे, आशुतोष कुमार, महेश कटारे सुगम, संध्या नवोदिता, मयंक खरे, शक्तिकांत, सुधीर सिंह, चारुचंद्र खरे, आनंद सिन्हा, गोपाल गोयल, जवाहरलाल जलज, गरिमा खरे,साबिहा रहमानी, पार्थ सहित बड़ी संख्या में लोग उपस्थित रहे।


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