पात्रों के छूटने पर होगी कार्यवाही
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि। मुख्य विकास अधिकारी अमृतपाल कौर ने सभी ग्राम विकास अधिकारी व सभी ग्राम पंचायत अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि मुख्यमंत्री आवास ग्रामीण योजना के तहत वर्ष 2023-24 को राज्य सरकार के बजट में किये प्रावधान के क्रम में विकासखंड को आवास निर्माण का भौतिक एवं वित्तीय लक्ष्य आवंटित करना है। मंगलवार को उन्होंने बताया कि इसके लिए विकासखंड स्तर के वित्तीय वर्ष के मांग पत्र उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए हैं। प्राकृतिक दैवीय आपदा से ग्रसित, वनटांगिया, कुष्ठ रोग पीड़ित, जेईएस, एईएस, कालाजार से पीड़ित, मूसहर, कोल थारू, नट चेरो, पछिया लोहार, गढइया लोहार, बैगा एवं दिव्यांगजन श्रेणी जाति के पात्र लाभार्थियों का मांग पत्र हार्ड कॉपी, सॉफ्ट कॉपी में 30 अप्रैल तक परियोजना निदेशक ग्राम विकास अभिकरण कार्यालय को उपलब्ध करा दें। प्राकृतिक दैवीय आपदा माह अक्टूबर 2022 में प्राकृतिक दैवीय आपदा से ग्रसित
श्रेणी के तहत आवास विहीन तहसील स्तर से अक्टूबर 2022-23 के बाद प्राकृतिक आपदा से ग्रसित मुआवजा प्राप्त लाभार्थियों की सूची लाभार्थी वार पात्रता का सत्यापन करते पात्र लाभार्थियों की सूची उपलब्ध कराई जाये। दिव्यांगजन श्रेणी के तहत वर्ष 2023-24 को मांग पत्र भेजने के निर्देश दिए गए हैं। सुनिश्चित करें कि दिव्यांग श्रेणी के तहत पहले भेजे डाटाबेस में कोई आवास विहीन दिव्यांग पात्र लाभार्थी छूट गया हो तो नियमानुसार कार्यवाही करते हुए ऐसे लाभार्थियों की सूची तैयार कर भेजी जाये। कोल जाति के लाभार्थियों को आवास से लाभान्वित करना है। कोल जाति के तहत कोई आवास विहीन कोल जाति का पात्र लाभार्थी छूटा हो तो नियमानुसार कार्यवाही कर पात्र लाभार्थियों की सूची भेजें। कुष्ठ रोग पीड़ित लाभार्थियों को आवास से लाभान्वित करने को ग्राम पंचायत स्तर पर सर्वे कर पात्रता-अपात्रता का सत्यापन कर पात्र लाभार्थियों की सूची भेजी जाये। उन्होंने निर्देश दिये कि मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत ग्राम पंचायतों में पात्रों का विधिवत परीक्षण कर गाइडलाइन निर्धारित मानकों के अनुसार इस बाबत परियोजना निदेशक जिला ग्राम विकास अभिकरण के निर्देश के क्रम में शत-प्रतिशत पात्रों का स्थलीय सत्यापन कर सूची तीन दिन के अंदर कार्यालय भेजी जाये। इस कार्य में किसी तरह की लापरवाही बर्दास्त नहीं होगी। किसी भी दशा में पात्रों को छोडा न जाये। भविष्य में कोई मामला आने पर गंभीरता से लिया जाए। इसके लिए संबंधित सेक्टर प्रभारी व ग्राम पंचायत विकास अधिकारी जिम्मेदार होंगे।
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