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Tuesday, May 2, 2023

हर दिन बदल रहा मौसम, मरीजों में हो रहा इजाफा

खांसी, जुकाम, बुखार और निमोनिया के मरीज भी बढ़े 

सुबह अस्पताल खुलते ही लग जाती मरीजों की भीड़ 

बांदा, के एस दुबे । मई माह में जहां लू के थपेड़े चलते हैं, वहां इन दिनो मौसम ठंडा नजर आ रहा है। दिन में तेज धूप और दोपहर बाद आसमान में बदली छा जाने की वजह से मौसम बारिशाना सा नजर आ रहा है। मौसम बदलने के साथ ही मौसमी बीमारियों से पीड़ित होने वाले मरीजों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। खांसी जुकाम, बुखार के साथ ही पेट दर्द और उल्टी के साथ ही निमोनिया से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है। सुबह अस्पताल खुलते ही मरीजों की लंबी लाइन लग जाती है। पर्चा काउंटर से लेकर चिकित्सकों के चेंबरों तक में मरीजों की भीड़ जमा होती है। इधर, दोपहर दो बजते ही चिकित्सक अपना चेंबर छोड़कर चले जाते हैं और काफी हद तक मरीजों को उपचार के बिना ही बैरंग वापस लौटना पड़ता है। या फिर मरीज प्राइवेट अस्पतालों में जाकर अपना उपचार कराते हैं, जहां उनका जमकर आर्थिक शोषण किया जाता है। 

जिला अस्पताल में दवा लेने के लिए लगी मरीजों की भीड़

चित्रकूटधाम मंडल मुख्यालय के जिला अस्पताल में वैसे भी अव्यवस्थाएं कम नहीं हैं। मरीजों को पीने के लिए शुद्ध पानी तक मिलना मुमकिन नहीं होता है। रही बात उपचार व्यवस्था की तो उसके अंदर भी ढोल में पोल नजर आती है। इन दिनों मौसम का मिजाज लगातार बदल रहा है। दिन में तेज धूप और शाम होते ही मौसम के ठंडा हो जाने के कारण लोग बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। सुबह होते ही मरीज अस्पताल पहुंच जाते हैं। पर्चा काउंटर में तैनात कर्मचारियों की मानें तो प्रतिदिन एक हजार से अधिक मरीज अपना पंजीकरण करा रहे हैं। पर्चा बनवाने के बाद मरीज जिला अस्पताल की ओपीडी में मौजूद चिकित्सकों के चेंबरों पर अपना उपचार करा रहे हैं। इन दिनों मौसमी बदलाव के कारण ज्यादातर मरीज खांसी, जुकाम, बुखार से पीड़ित पहुंच रहे हैं। पेट दर्द और उल्टी के मरीजों की संख्या भी कुछ कम नहीं है। जिला अस्पताल के पर्चा काउंटर से लेकर चिकित्सकों के चेंबर तक में मरीजों की भीड़ नजर आ रही हैं। जबरदस्त भीड़ होने के कारण मरीजों को उपचार प्राप्त करने में भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक तो चिकित्सक समय से अपने चेंबरों में बैठते नहीं हैं। इसके साथ ही दो बजने के पहले ही डाक्टर अपनी कुर्सी छोड़कर चले जाते हैं। ऐसे में ज्यादातर मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बिना उपचार के ही काफी हद तक मरीज वापस लौट जाते हैं और मजबूरन प्राइवेट अस्पतालों में पहुंचकर अपना उपचार करवाते हैं, वहां पर उनका जमकर आर्थिक शोषण किया जाता है। चिकित्सकों का कहना है कि मौसमी परिवर्तन के कारण ज्यादातर खांसी, जुकाम, बुखार और पेट दर्द व उल्टी से पीड़ित मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है। 

निमोनिया के भी बढ़ रहे हैं मरीज 

मौसमी परिवर्तन से लगातार बीमारियां बढ़ रही हैं। डायरिया के अलावा फिर से सर्दी, जुकाम, बुखार के मरीजों का आना-जाना शुरू हो गया। इतना ही नहीं निमोनिया भी मासूम बच्चों को अपनी चपेट में ले रहा है। वहीं बुजुर्ग श्वांस रोग से पीड़ित होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल के फिजीशियन डा. हृदयेश पटेल ने बताया कि इस मौसम में 20 से 25 मरीज श्वांस रोग से पीड़ित होकर आ रहे हैं। वहीं वरिष्ठ बाल्य रोग विशेषज्ञ डा. आरके गुप्ता ने बताया कि मौसमी परिवर्तन से मासूम बच्चे भी निमोनिया के शिकार होकर अस्पताल आ रहे हैं। उन्होंने लोगों को आगाह किया है कि मासूम बच्चों को सीधे पंखे की हवा में न लिटाएं। उनके ऊपर चादर आदि डालकर रखें। 

पानी के लिए परेशान हो रहे हैं मरीज 

बांदा। गर्मी के मद्देनजर जिला अस्पताल में पानी के लिए मरीज के तीमारदार परेशान हो रहे हैं। अस्पताल के जिम्मेदारों का कहना है कि जो सप्लाई में पानी मिल पाता है, उसी से ही काम चलाया जा रहा है। आलम यह है कि मंगलवार को ट्रामा सेंटर में भी पानी नहीं रहा। यहां तक कि मरीज और तीमारदार एक-एक बोतल पानी के लिए परेशान नजर आए। बहुत से लोगों ने तो बाहर से पानी की बोतलें खरीदीं। कुछ तीमारदार तो जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय के पास लगे नल से पानी लेकर आते नजर आए। महिला अस्पताल के बाहर लगा हैंडपंप भी खराब पड़ा हुआ है। इतना ही नहीं लाखों की लागत से स्थापित कराया गया आरओ प्लांट भी धूल फांक रहा है। इससे मरीजों को साफ और स्वच्छ पानी नहीं मिल पा रहा। 


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