विद्यालय का भवन जर्जर मिलने पर सीडीओ ने जताई नाराजगी
बांदा, के एस दुबे । शिक्षा की गुणवत्ता को परखने के लिए लगातार अधिकारियों के द्वारा विद्यालयों का निरीक्षण किया जा रहा है। अभी हाल ही में जिलाधिकारी ने कई विद्यालयों का निरीक्षण किया था। सोमवार को मुख्य विकास अधिकारी वेदप्रकाश मौर्य ने निभौर गांव के मजरा तरसिया पुरवा प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण किया। निरीक्षण के समय विद्यालय का स्टाफ तो उपस्थित मिला, लेकिन स्कूल का समय समाप्त हो जाने के कारण बच्चे उपस्थित नहीं मिले। विद्यालय भवन की स्थिति जर्जर मिली और शैक्षिक गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं पाई गई। सीडीओ के निरीक्षण में पाया कि विद्यालय भवन में छत का प्लास्टर उखड़ रहा है और बीम्स में क्रेक हो गये हैं। जानकारी मिली कि विद्यालय का निर्माण वर्ष 2006 में तत्कालीन अध्यापक छेदीलाल ने करवाया था। निर्माण के समय ही इसमें तकनीकी कमी पाई गई थीं। स्लैब में सरिया नीचे दिख रहा है, जबकि सरिया नहीं दिखना चाहिए। खुला होने के
तरसिया पुरवा प्राथमिक विद्यालय का निरीक्षण करते सीडीओ |
कारण सरिया में भी जंग लग गया है तथा प्लास्टर छूटकर नीचे गिर रहा है। इसमें तत्काल वृहद मरम्मत की आवश्यकता है। बीम के नीचे पिलर बनाए जाने की भी जरूरत है। विद्यालय बरामदे में लगाना पड़ रहा है। इसके लिये प्रभारी एवं खंड विकास अधिकारी जिम्मेदार हैं, क्योंकि निर्माण के समय यदि उन्होंने भ्रमण किया होता तो यह न होता। विद्यालय में शिक्षा की गुणवत्ता भी संतोषजनक नहीं पाई गई। विद्यालय में सिर्फ 26 बच्चे ही पंजीकृत हैं। 2 सहायक अध्यापक व एक शिक्षामित्र की तैनाती है। विद्यालय में पुस्तकों का वितरण किया जा चुका है। एमडीएम एवं कायाकल्प के अन्य मानको पर विद्यालय ठीक है, किंतु निपुण भारत के संबंध में शिक्षामित्र से प्रगति की जानकारी की गई तो उन्हे अपने कोर्स के संबंध में सही जानकारी नहीं थी। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि ऐसे सभी विद्यालयों में एआरपी का भ्रमण बढ़ाया जाये साथ ही स्कूल के सभी अध्यापकों को अपने मासिक लक्ष्य के बारे में सम्यक जानकारी रहे, ताकि निपुण लक्ष्य को समय से प्राप्त किया जा सके।
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