व्यवस्थाओं को हर हाल में रखा जाए दुरुस्त
बांदा, के एस दुबे । जिलाधिकारी दुर्गा शक्ति नागपाल की अध्यक्षता में कलेक्टेªट सभागार में गौशाला गोद लेने वाले अधिकारियों की बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि वह अपनी-अपनी गौशालाओें का निरीक्षण करते हुए इन गौशालाओं में आवश्यक व्यवस्थाओं को चेक करें जो कमी हो उन्हें ठीक कराने का कार्य प्रधानों एवं ग्राम पंचायत से अधिकारियों से समन्वय कर करें। उन्होंने निर्देश दिये कि गौवंशो को छुट्टा छोडने न दिया जाए, जिससे किसान की फसलों का नुकाशान होने के साथ मार्ग दुर्घटनायें होती हैं, इस पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। उन्होंने हॉट स्पॉटों से गौवंशों को हटाकर गौशाला में संरक्षित कराने के लिए लगाये गये अधिकारियों को निर्देश दिये कि त्यौहारों से पूर्व सड़क व राजमार्ग तथा सार्वजनिक मार्गों पर गौवंशो के विचरण को एक बार चेक कर लें और उन्हें हटाने की कार्यवाही की जाए।
बैठक को संबोधित करतीं डीएम दुर्गा शक्ति नागपाल |
उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि ग्राम स्तर पर गौवंश संरक्षण समिति जिसके अध्यक्ष ग्राम प्रधान हैं तथा जिसमें सचिव, लेखपाल, रोजगार सेवक, दो प्रगतिशील किसान है उसकी मीटिंग अवश्य करायी जाए। उन्होंने कहा कि बुन्देलखण्ड क्षेत्र में जनपद में सबसे अधिक निराश्रित गौवंश हैं, जिनको बेहतर तरीके सेे संरक्षित करने की जिम्मेदारी ग्राम प्रधान एवं सभी लोंगो के सहयोग से गोद लिए अधिकारियों के द्वारा सम्पादित की जानी है। गौशाला में फेन्सिंग के कार्य में किसी भी प्रकार के कटीले तारों को न लगाया जाए। उन्होंने कहा कि निजी गौवंश पालकों को अपने पशु स्वयं बांधकर प्रत्येक दशा में रखने होंगे, यदि ऐसा नही करते हैं तो सम्बन्धित ग्राम प्रधान छुट्टा गौवंश छोडने वाले ग्रामीणों को भी चिन्हित करायें और पुलिस प्रशासन को अवगत करायें, ऐसा करने वालों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। जिलाधिकारी ने निर्देश दिये कि आदर्श गौशाला के रूप में बनाने के लिए गौशाला में मूलभूत आवश्यक व्यवस्था के साथ नर, मादा एवं छोटे गौवंशों को अलग-अलग रखने की व्यवस्था करने, वृक्षारोपण कराये जाने की व्यवस्था करनी है, कुट्टी मशीन, बाउण्ड्री वॉल, फेन्सिंग की समुचित व्यवस्था करायी जाए, भूसे व पानी की
मौजूद अधिकारीगण |
चरही की व्यवस्था, समस्त गौवंशों की ईयर टैगिंग, बीमार गौवंशों का समुचित इलाज कराये जाने की व्यवस्था आदि का निरीक्षण करते हुए व्यवस्थाओं में सुधार का कार्य 30 दिन के अन्दर कराना सुनिश्चित करें। निरीक्षण के दौरान गौशाला के गौवंशों की संख्या, भूसा चारे की उपलब्धता तथा अन्य अभिलेखों को भी चेक करें। हरे चारे की व्यवस्था भी करायी जाए। उन्होंने बताया कि 27 गांव जहां पर रेलवे की पटरी मिलती है, उनको चिन्हित करते हुए गौवंशो को सुरक्षित करने की कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं। कार्यशाला में एएसपी लक्ष्मी निवस मिश्र, सीडीओ वेदप्रकाश मौर्य आदि मौजूद रहे।
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