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Sunday, September 10, 2023

कवि सम्मेलन ने पार्षद जयंती समारोह को बनाया यादगार

सुना है जब से झंडे धार्मिक झगड़ा कराते हैं, तिरंगा के अलावा हम कोई झंडा नहीं रखते हैं

फतेहपुर, मो. शमशाद । विजई विश्व तिरंगा प्यारा गीत के रचयिता, महान स्वतंत्रता संग्रामी पद्मश्री श्याम लाल पार्षद जी की जयंती के अवसर पर शहर के सिविल लाइन में आयोजित कवि सम्मेलन ने समारोह को यादगार बना दिया। इसके पहले विचार गोष्ठी के माध्यम से उनके कृतित्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महासमिति के जिलाध्यक्ष नारायण बाबू ने की। विनोद कुमार गुप्त के संयोजन में हुए कवि संचालन का संचालन शिवशरण बंधु हथगामी ने किया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ मुख्य अतिथि के रूप में अखिल भारतीय वैश्य एकता परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ सुमंत गुप्ता, अयाह शाह विधायक विकास गुप्ता, सदर विधायक चंद्र प्रकाश लोधी, नगर पालिका परिषद चेयरमैन राजकुमार मौर्य, कारागार अधीक्षक मो. अकरम खान द्वारा संयुक्त रूप से किया। स्वागताध्यक्ष सुरेश चन्द्र गुप्त ने नेतृत्व में अतिथियों एवं रचनाकारों का स्वागत किया।

सम्मेलन में रचना प्रस्तुत करतीं कवियत्री।

कवि सम्मेलन का प्रारंभ सानिया सिंह ने सरस्वती वंदना से की। उन्होंने पढ़ा-हिम्मत है तो वो सामने आ जाए खुशी से, भारत कभी पीछे से वार करता नहीं है। शिवशरण बंधु हथगामी ने पढ़ा-कोई मौसम हो फल नहीं जाते, पेड़ ऐसा लग गए पार्षद। हमीं हैं जो हमेशा अंधविश्वासों से लड़ते हैं, गले में हम कोई ताबीज या गंडा नहीं रखते, सुना है जबसे झंडे धार्मिक झगड़ा कराते हैं, तिरंगा के अलावा हम कोई झंडा नहीं रखते। वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर टीवी फेम लवलेश यदुवंशी ने लवलेश यदुवंशी ने श्रोताओं को रोमांचित कर दिया-वो पाकिस्तान के झंडे में चंदा चित्र है केवल, मगर भारत के हीरो चांद पर झंडा गड़ा आए। युवा कवि शिवम हथगामी ने मधुर आवाज से श्रोताओं को मंत्र मुग्ध कर दिया-बिना चश्मे के मेरी मां मुझे पहचान लेती है। हास्य कवि संदीप शरारती ने श्रोताओं को लोटपोट कर दिया-जिस चीज का परहेज बुढ़ापे में है करना,उस आइटम का मीनू बाबा देख रहे हैं। वीर रस के सीनियर कवि शैलेंद्र सिंह गुलशन ने पढ़ा-तुम ले के चांद झंडे पर ही घूमते रहो, भारत ने झंडा चांद पर भी गाड़ दिया है। हथगाम क्षेत्र के अकबरपुर चोराई की आफरीन बानो ने पार्षद जी की जयंती से मंच पर काव्य पाठ की शुरुआत की-इसकी शान न जाने पाए, चाहे जान भले ही जाए, राष्ट्र धरोहर पार्षद जी का अमर रहेगा गान, हमारा प्यारा हिंदुस्तान। मुख्य अतिथि डा. सुमन्त गुप्त ने कहा कि पार्षद जी ने सम्पूर्ण जीवन देश की आजादी में लगा दिया था। उन्होंने वैश्य समाज के हित में समय का दान देने पर जोर दिया। विधायक विकास गुप्त ने कहा कि वैश्य समाज को राजनीति में भी अपना मुकाम स्थापित करना होगा। संगठित समाज ही सम्मान पाता है। जिला कारागर अधीक्षक मो. अकरम ने कहा कि पार्षद जी ने झंडा गीत की रचना कर आजादी की लड़ाई को नई दिशा दी। सदर विधायक चंद्र प्रकाश लोधी एवं नगर पालिका परिषद के अध्यक्ष राजकुमार मौर्य ने भी अपने विचार। इस मौके पर सुनील गुप्त, नारायण गुप्त, रामस्वरूप, उमा शरन गुप्त, कविता रस्तोगी, सुनीता गुप्त, नन्द किशोर, कविता गुप्त, मनीषा गुप्त, मधु गुप्त, एकता गुप्त, सोनी गुप्त, रमेश गुप्त, रामबाबू गुप्त, अजय गुप्त, नरेंद्र गुप्त, मनीष गुप्त, वीरेन्द्र ग्रप्त, शोभित गुप्त, दिलीप सर्राफ, डिम्पल, संजीव, सुशील फौजी, साजन, अरुण जायसवाल, प्रीतीजा गुप्त, नमृता गुप्त, प्रीती, चंद्र शेखर, रामदास गुप्त सहित तमाम बंधु उपस्थित रहे। संगोष्ठी का संचालन विनोद कुमार गुप्त ने किया।


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