सफाई के नाम पर फोटो खिंचाकर फुर्र हो जाते हैं लोग
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जीवनदायिनी मंदाकिनी नदी में होटल, लाज, मठ-मंदिर, धर्मशाला व रिहायसी घरों से निकला मल- मूत्र नदी में जा रहा है। अवसरवादी लोग सफाई के नाम पर फोटो खिंचाकर सोशल मीडिया डालकर शोहरत हासिल कर रहे हैं। मंदाकिनी नदी कुछ दिनों में आचमन लायक नहीं बचेगी। बुधवार को मन्दाकिनी नदी में प्रदूषण फैलाने वालों का खुलासा हुआ। बताया गया कि बारिश के दस दिन पहले मंदाकिनी नदी के घाटों में खड़े होकर लोग फोटो खिंचाते हैं। सफाई का ढोंग करते हैं। मंदाकिनी में दो दर्जन से अधिक गंदे नालों का सीवर बहता है।
मन्दाकिनी में बहता नाला। |
प्रदूषण की चपेट से मंदाकिनी कराह रही है। शर्म की बात है कि सफाई के नाम पर फोटो खिंचाने के बाद लोग दिखाई नहीं देते। लोगों को भरोसा होता है कि जल्द नदी स्वच्छ-निर्मल होने वाली है। ऐसे लोगों को मंदाकिनी में गिरने वाले नाले दिखाई नहीं देते। मंदाकिनी मल-मूत्र की बदबू से कराह रही है। यही हाल रहा तो 10-15 साल में मन्दाकिनी का अस्तित्व खत्म हो जायेगा। मंदाकिनी नदी प्रदूषण के प्रति लोगों को जरा सी भी चिन्ता है तो मन्दाकिनी में गिरने वाले नालों को बन्द कराने को अभियान चलायें।
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