गंदगी से हो रही मौत, शिकायत के बाद नहीं हुई कार्रवाई
मऊ/चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । रामनगर स्थित गौशाला में गौवंशों की दुर्दशा अब गंभीर समस्या बन गई है। गौशाला में गौवंशों के उचित भरण-पोषण व रखरखाव को लापरवाही बरती जा रही है। गुरुवार को गौशाला संचालक भूपेंद्र श्रीवास्तव की मनमानी के चलते गौवंशों को भूख और प्यास से तड़पते देखा जा रहा है। कई गोवंश बीमार होकर मर रहे हैं। गौशाला निर्माण में भी घोर धांधली की गई है। गौशाला में गोवंशों के रखरखाव के नाम पर खड़ी पराली दी जा रही है, जबकि हरे चारे का कोई इंतजाम नहीं किया गया है। गौशाला की सफाई भी ठीक से नहीं हो रही है, जिससे गोवंशों के आस-पास बज-बजाती गंदगी फैल रही है। यही नहीं, गंदगी की वजह से कई गोवंश बीमार हो रहे हैं, और बड़ी संख्या में उनकी मौत हो रही है। गौशाला में 372 गौवंश की संख्या बताई जा रही है, लेकिन जाँच में यह संख्या कहीं कम नजर आ रही है। भूख और प्यास से तड़पते हुए गौवंशों को कुत्ते तक नौच-नौच कर खा रहे हैं।
पत्र सौंपते समाजसेवी। |
कुछ समाजसेवियों ने इस मामले को लेकर उप जिलाधिकारी मऊ को शिकायती पत्र सौंपा, जिसमें गौशाला की स्थिति के बारे में अवगत कराया गया। इसके बाद अधिकारियों ने मौके पर जांच तो की, लेकिन गौशाला संचालक की मनमानी पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। समाजसेवी बृजेश कुमार पांडे ने बताया कि उन्होंने इस मामले को लेकर एक ज्ञापन भी दिया है, लेकिन प्रशासन ने अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया। समाजसेवियों का आरोप है कि गौशाला की स्थिति पर जिम्मेदार अधिकारियों ने कोई सुधार नहीं किया। गौशाला की स्थिति को लेकर समाजसेवियों व ग्रामीणों में भारी नाराजगी है। उन्होंने कहा कि इसी तरह गौवंशों की दुर्दशा जारी रही तो गौशाला में रहने वाले गौवंशों की जान भी खतरे में आ सकती है। समाजसेवियों और स्थानीय लोगों की मांग है कि गौशाला संचालक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और गौवंशों के भरण पोषण की उचित व्यवस्था की जाए।
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