प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला मतपेटिका में बंद
23 पदों के लिए 81 प्रत्याशी मैदान में
फतेहपुर, मो. शमशाद । डिस्ट्रिक्ट बार एशोसिएशन चुनाव 2024-25 के मतदान में अधिवक्ताओं में जोश देखने को मिला। विभिन्न संगठनों के बैनर तले व निर्दलीय चुनाव में उतरे अपने प्रत्याशियों को जीत दिलाने के लिये प्रत्याशियों के समर्थक अधिवक्ताओं ने अपने-अपने प्रत्याशी की जीत के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा दिया। जिससे अधिवक्ताओं के मतदान में ज़बरदस्त उत्साह देखने को मिला। अधिवक्ताओं द्वारा लगातार वोटरों से मिलकर उनसे अपने अपने पक्ष में अपील करते रहे। चुनाव में सर्व समाज अधिवक्ता संगठन की ओर से अध्यक्ष पद पर जगदीश प्रसाद गुप्ता, महामंत्री पद पर इंद्रजीत सिंह यादव, व्यवस्था परिवर्तन संगठन की ओर से सुरेश सिंह यादव, वरिष्ठ उपाध्यक्ष पद पर हाजी कमरुद्दीन खान, महामंत्री पद पर श्रीराम पटेल, उम्मीदवार रहे। वहीं आदर्श
वोट डालने के बाद हाथ में लगी स्याही दिखाते व मतपेटी में वोट डालते अधिवक्ता। |
अधिवक्ता संगठन की ओर से अध्यक्ष पद पर गया प्रसाद दुबे व महामंत्री पद पर जितेन्द्र सिंह गौतम, वही आदर्श अधिवक्ता संगठन के दूसरे गुट की ओर से अध्यक्ष पद पर मणि प्रकाश दुबे व महामंत्री पद पर इंद्र कुमार सिंह चौहान चुनाव मैदान में है। डीबीए चुनाव में 23 पद पर कुल 81 प्रत्याशी चुनाव में थे। जिनके भाग्य का फैसला मतपेटिका में बंद हुआ। डीबीए चुनाव में 1860 पंजीकृत अधिवक्ताओं सापेक्ष 1431 मत पड़े। मतगणना का कार्य कल (आज) सुबह 10 बजे से शुरू होगा। डीबीए चुनाव में अधिवक्ताओं की सुविधा को देखते हुए कलेक्ट्रेट स्थित बार हाल, लाईब्रेरी एवं दीवानी परिसर के बार हाल में वोटिंग की व्यवास्था की गई थी। मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील उमराव ने बताया कि शुक्रवार को सुबह 10 बजे से मतगणना शुरू की जाएगी जो कि परिणाम तक निर्बाध रूप से जारी रहेगी। चुनाव की शुचिता को देखते हुए कलेक्ट्रेट एवं दीवानी परिसर स्थित मतदान केंद्र के बाहर पुलिस बल तैनात रहा। मतदान के बाद मतपेटिको की सुरक्षा के लिये पुलिस बल तैनात किया गया है। इस मौके पर डीबीए निवर्तमान अध्यक्ष राकेश वर्मा, महामंत्री बचानी लाल, बलिराज उमराव, वसीम अंसारी, पूर्व डीबीए अध्यक्ष सुशील कुमार मिश्रा, मो0 रेहान उर्फ सदफ, मोहम्मद आसिफ़, कासिम अली, इन्द्रजीत यादव, व्यवस्था परिवर्तन संगठन के संस्थापक सदस्य अजलाल फारूकी समेत बड़ी संख्या में डीबीए के पूर्व पदाधिकारियो ने भी अपने अपने माताधिकार का प्रयोग किया।
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