रबी की बुवाई के लिए किसानों को नहीं मिल रहा पानी
फतेहपुर, मो. शमशाद । गेहूं की बुआई का सीजन चल रहा है। नहर-माइनर व रजबहा सूखे पड़े हैं। खेतों के पलेवा के लिए किसान परेशान हो रहे हैं। कई किसान ट्यूबवेल के द्वारा सिंचाई कर गेहूं व सरसों की बुआई कर रहे हैं। जिन किसानों के पास सिंचाई का साधन नहीं है। वह नहर में पानी आने का इंतजार कर रहे हैं। इन दिनों नहरों एवं रजबहों में सिल्ट सफाई के नाम पर धूल उड़ रही है। इधर पलेवा के लिए किसान खासे परेशान हो रहे हैं। धान की कटाई के साथ ही खेतों में गेहूं और सरसों की बुआई शुरू हो जाती है। बीज बोने से पहले खेतों में पलेवा यानी सिंचाई की आवश्यकता होती है। नहर के आसपास खेतों वाले किसान सिंचाई के लिए इनके पानी पर निर्भर रहते हैं। नहर में
सूखी पड़ी नहर। |
पानी न आने से किसान असमंजस में हैं कि क्या करें और क्या ना करें। जिन किसानों के पास ट्यूबवेल या नलकूप का साधन है। वह खेतों की सिंचाई कर बुआई भी कर चुके हैं। जबकि जहां किसान सिर्फ नहर की सिंचाई पर आश्रित रहते हैं। वहां खेत सूखे पड़े हैं। किसानों ने बताया कि हर बार यही स्थिति होती है। नहर दिसंबर के महीने में आती है। तब तक अधिकांश किसान ट्यूबवेल से सिंचाई करा लेते हैं। बंबा के पानी को खेतों तक पहुंचाने के लिए बनाई गईं नालियां कचरे से पट चुकी हैं। नहर में पानी आने के बावजूद खेतों तक पानी लाना मुश्किल हो जाता है। कई बार बंबा में पानी होते हुए भी सिंचाई नहीं हो पाती और ट्यूबवेल से पानी लगाना पड़ता है।
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