शहर के कटरा रोड स्थित मैरिज हाल में श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह का पांचवां दिन
बांदा, के एस दुबे । कटरा रोड स्थित एक मैरिज हाल में श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन शनिवार को आचार्य नवलेश महाराज कहा कि जितना सुख पाने की दौड़ में मन में भौतिकता की ओर है भगाना है, उतना यदि भगवान की ओर लगा दें तो जीवन में सुधार आ जाएगा। कथा प्रसंग के दौरान आचार्य ने भगवान कृष्ण और रुक्मणी के विवाह की कथा का व्यापक स्तर पर वर्णन किया। कथा प्रसंग में ही श्रोताओं को समझाते हुए कहा कि भक्त वह होता है जो कभी शिकायत नहीं करता, ना ही उसके मन में कभी कोई गिला शिकवा होता है। वह तो हमेशा समर्पण भाव से भगवान की भक्ति में लीन रहता है। उसका भाव यह होता है कि जिधर ले चलोगे, उधर ही चलूंगा। जहां नाथ रख दोगे वही मैं रहूंगा। इतना समर्पण जिसके पास होगा भगवान उसे निश्चित मिल जाते हैं। आचार्य नवलेश ने श्रोताओं को समझाया कि भागवत कथा के रस पंचायत अध्याय का पहला श्लोक यदि नित्य प्रतिदिन व्यक्ति याद करें तो उसके मन से हमेशा के लिए काम विदा हो जाएगा और मन में भगवान का वास हो जाएगा।
आचार्य और श्रीमद् भागवत की आरती उतारते श्रद्धालु |
आचार्य का कहना था कि यही बात सुखदेव ने राजा परीक्षित को समझाई थी। भगवान के पास तो संसार की सब कुछ चीज हैं बस उनका अपना मन नहीं है वे समय-समय पर भक्तों के उधर और अपने जनों के कल्याण के लिए मां को धारण करते हैं। वृंदावन की रमन रेती और निधिवन मेंभगवान की महारास लीला का बड़ा ही सरस वर्णन आचार्य ने श्रोताओं को सुनाया उनका कहना था कि परमात्मा के स्पर्श मात्र से ही व्यक्ति या भक्त उसके जीवन में सुगंधी आ जाती है, खाने का मतलब यह है कि व्यक्ति के जीवन में धन्यता आ जाती है।उन्होंने कहा कि भगवान की बांसुरी में वह ताकत है की सारी भक्त गोपिया एक आवाज सुनकर भगवान के समझ आ जाती थी। यह प्रसंग परमात्मा और जीवात्मा के बीच का है, इसे जानने के लिए संसार का मन नहीं अध्यात्म का मन चाहिए भक्ति का मन चाहिए। कथा के मुख्य आयोजक जितेंद्र शर्मा और उनकी पत्नी अंकित शर्मा हैं, जो अपने पूज्य माता-पिता को चौथे पान में जीवन को धन्य करने वाली यह भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं। महाराज के श्रीमुख से निकले भजनों को सुनकर श्रोतागण झूम उठते हैं। महाराज के भजनों में मधुर संगीत की ध्वनि राघवेंद्र और विनोद जी की युगल जोड़ी के माध्यम से खुलता है जिससे पूरा पंडाल झूम उठता है। मालुम हो कि श्रीमद् भागवत कथा 30 दिसंबर तक चलेगी।
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