शीतकालीन सत्र के दौरान डॉ. आंबेडकर पर अमर्यादित शब्दों के प्रयोग का मामला
बहुजन समाज पार्टी ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा
बांदा, के एस दुबे । गृहमंत्री अमित शाह ने शीतकालीन सत्र के दौरान संविधान निर्माता डॉ. भीमराव आंबेडकर पर अमर्यादित और उपहास पूर्ण शब्दों से टिप्पणी की थी। इस पर बहुजन समाज पार्टी खफा है। मंगलवार को जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में बसपाइयों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन जिलाधिकारी को सौंपा। कहा कि संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करते हुए इस मामले पर उचित कदम उठाया जाए। भारत के गृहमंत्री अमित शाह के खिलाफ बीएसपी के लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुए जमकर नारेबाजी की है। बीएसपी के कार्यकर्ताओं ने हाथों में तख्तियां और डॉ. बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर की तस्वीर को लेकर गृहमंत्री शाह को पद से इस्तीफा दिए जाने की मांग की। बसपा हाईकमान के आह्वान पर मंगलवार को बसपा जिलाध्यक्ष गुलाब सिंह वर्मा के साथ
कलेक्ट्रेट की ओर जाते बहुजन समाज पार्टी पदाधिकारी। |
बसपाई कलेक्ट्रेट पहुंचे। ज्ञापन में बसपाइयों ने कहा कि शीतकालीन सत्र के दौरान गृहमंत्री ने संसद में अपने वक्तव्य के दौरान भारतीय संविधान के मूल निर्माता डॉ. भमराव आंबेडकर पर अमर्यादित और उपहासपूर्ण शब्दों का इस्तेमाल करते हुए टिप्पणी की। इससे बहुजन समाज के आत्म सम्मान और स्वाभिमान को चोट पहुंची है। बहुजन समाज में आक्रोश व्याप्त है। बसपाइयों ने कहा कि डॉ. आंबेडकर के प्रति गहरी असंवेदनशीलता और जातिवादी मानसिकता प्रदर्शित करते हुए अशोभनीय कृत्य प्रदर्शित किया गया है। डॉ. आंबेडकर का इस प्रकार का अपमान व अनादर किसी भी रूप में लोगों को स्वीकार्य नहीं है। बसपाइयों ने राष्ट्रपति से मांग की है कि
कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारी को ज्ञापन सौंपते बसपाई। |
संवैधानिक मूल्यों की रक्षा करते हुए इस गंभीर मामले पर विचार करते हुए उचित कदम उठाएं। इसके साथ ही बसपाइयों ने गृहमंत्री से पद से इस्तीफा देने की मांग की। इस मौके पर अयूब खान, रामसेवक, आनंद सिंह, भवानीदीन, लल्लू प्रसाद निषाद, आशुतोश भास्कर, मोहम्मद असलम, राजकुमार कुशवाहा, लवलेश वर्मा समेत तमाम बसपाई मौजूद रहे।
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