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Wednesday, January 1, 2025

2024 की विदाई में जमकर झूमे, ईश्वर से आशीर्वाद लेकर की नववर्ष 2025 की शुरुआत

बुधवार को सुबह संकट मोचन मंदिर, बामदेवेश्वर मंदि, काली देवी और महेश्वरी मंदिर में उमड़े लोग

मंगलवार की आधी रात के बाद शुरू हुआ न्यू ईयर का जश्न, लोगों ने एक-दूसरे को दीं शुभकामनाएं

बांदा, के एस दुबे । सोमवार रात 12 बजने के साथ ही न्यू ईयर का जश्न लोगों ने मनाया। शहर के होटलों, रेस्टोरेंटों में जमकर आतिशबाजी की गई। इसके साथ ही लोग डीजे की धुन पर जमकर थिरके। लोगों से गले मिलकर नव वर्ष 2025 की शुभकामनाएं दीं। देर रात लोग अपने घर पहुंचे। सुरक्षा के लिहाज से पुलिस लगातार गश्त करती रही। नरैनी रोड में न्यू ईयर जश्न का बेहतरीन कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें हजारों लोगों ने प्रतिभाग किया। बुधवार की सुबह नए वर्ष के पहले दिन लोगों ने शहर के संकट मोचन मंदिर, बामदेवेश्वर मंदि, महेश्वरी देवी मंदिर और काली देवी मंदिर में पहुंचकर पूजा-अर्चना की और मत्था टेका। नव वर्ष के पहले दिन नई उम्मीदों के साथ लोगों ने नया सफर शुरू किया।

मंगलवार रात न्यू ईयर जश्न में आर्केस्ट्रा पार्टी में मौजूद लोगों की भीड़

दिसंबर माह की 25 तारीख से ही न्यू ईयर सेलीब्रेशन के लिए तैयारियां की जा रही थीं। मंगलवार की शाम से ही शहर के सभी रेस्टोरेंट और होटलों को रंग-बिरंगी बिजली की झालरों से सजाया संवारा गया था। पहले से ही लोगों ने अपनी टेबिलें बुक करा ली थीं। रात को 10 बजते ही लोग होटलों और रेस्टोरेंटों में परिवार के साथ पहुंच गए। वहां पर आयोजित रंगारंग कार्यक्रमों में प्रतिभाग किया। रात को जैसी ही 12 बजा, वैसे ही न्यू ईयर का तराना गुंजायमान हो उठा। इस दौरान लोगों ने जमकर आतिशबाजी की। न्यू ईयर के जश्न के दौरान डीजे की धुन पर लोग जमकर थिरके और एक-दूसरे को गले मिलकर नए वष 2025 की बधाई और शुभकामनाएं दीं। देर रात तक न्यू ईयर का जश्न चलता रहा। शहर के नरैनी रोड में आयोजित जश्न में हजारों लोग शामिल हुए। इधर, पुलिस भी न्यू ईयर जश्न के दौरान लगातार गश्त करती हुई नजर आई, ताकि किसी भी प्रकार की अव्यवस्था उत्पन्न न हो सके। बुधवार की सुबह नए वर्ष के पहले दिन लोगों ने शहर के संकट मोचन मंदिर, बामदेवेश्वर मंदिर, महेश्वरी देवी मंदिर और काली देवी मंदिरों में पहुंचकर मत्था टेका। नए वर्ष पर नई उम्मीदों को पूरा करने के लिए लोगों ने भगवान की ड्याेढ़ी पर मत्था टेककर नया सफर शुरू किया।

अतर्रा में गौराबाबा धाम का किया गया भव्य श्रृंगार

गुलाब का फूल और बुके महंगे बिके

बांदा। नव वर्ष पर शुभकामनाएं देने के साथ ही लोगों ने अपने बड़े-बुजुर्गों को गुलाब का फूल देकर उनका आशीर्वाद लिया और नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं। शहर के संकट मोचन, छोटी बाजार, महेश्वरी देवी, काली देवी मंदिर के इर्द-गिर्द सजी फूलों की दुकानों में गुलाब का फूल 50 रुपये का बिका। जबकि बुके की कीमत 200 से 500 रुपये तक रही। लोगों ने एक-दूसरे को गुलाब का फूल और बुके भेट करते हुए नव वर्ष की शुभकामनाएं दीं। नव वर्ष के पहले दिन फूलों की बिक्री के दौरान इनके दामों में भी जमकर इजाफा हुआ।

कालिंजर दुर्ग में नीलकंठेश्वर महादेव के दर्शन को उमड़े लोग।

अतर्रा में गौराबाबा धाम, बबेरू मढ़ीदाई मंदिर में उमड़े श्रद्धालु

अतर्रा। नव वर्ष के पहले दिन बुधवार को लोगों ने सिद्धपीठ गौराबाबा धाम की ड्याेढ़ी पर मत्था टेका। श्रद्धालुओं की भीड़ होने की वजह से लाइन लगाकर लोगों को दर्शन कराए गए। सुबह से ही भक्त शिव भोले बाबा का जलाभिषेक करने के लिए लंबी कतारों में खड़े नजर आए। महिलाओं और पुरुषों में भक्ति का उत्साह नजर आ रहा था। मंदिर के महंत पुरुषोत्तम दास ने शिवलिंग का भव्य श्रृंगार किया। नव वर्ष के मौके पर श्रद्धालुओं की संख्या अधिक होने के कारण कुछ अव्यवस्था हुई, लेकिन लोगों ने नव वर्ष पर गौरा बाबा का आशीर्वाद लेने के साथ ही

संकट मोचन मंदिर में दर्शन को उमड़े श्रद्धालु

अपने काम शुरू किए। भक्तों के लिए अलग-अलग पंडालों में प्रसाद वितरण की व्यवस्था की गई। मंदिर में शाम को महाआरती का आयोजन किया गया। सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर पुलिस कर्मियों को भी गौरा बाबा धाम में तैनात किया गया था। इधर , बबेरू स्थित माँ मढ़ीदाई मंदिर व अद्धभुत शिव मंदिर में श्रद्धालु पूजा अर्चना करने की भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिली। मंदिर में सुबह से ही भक्तों का पहुंचना शुरू हो गया था। कस्बे के मां मढ़ी दाई अद्धभुत शिव मंदिर, रामजानकी मंदिर व कस्बे के मंदिर पूजा अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ रही। सुबह से ही श्रद्धाल पूजा अर्चना के लिये पहुंचे गये। बेल पत्र, दूध, दही, माला-फूल चढ़ाकर पुण्य लाभ अर्जित किया।

कालिंजर दुर्ग में भ्रमण करते हुए लोग।

कालिंजर में नीलकंठेश्वर दर्शन को उमडे़ लोग

बांदा। नव वर्ष के पहले दिन बुधवार को कालिंजर दुर्ग में विराजमान भगवान नीलकंठेश्वर का दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ पहुंची। सुबह से ही लोग भगवान शिव का दर्शन करने के लिए पहुंचे, जैसे-जैसे दिन चढ़ा वैसे-वैसे श्रद्धालुओं की भीड़ में इजाफा होता चला गया। वाहनों की लंबी कतार लग जाने की वजह से जाम की स्थिति बन गई। ऐसम में कालिंजर थाना प्रभारी दीपेंद्र सिंह सिपाहियों के साथ मौके पर पहुंचे और किसी तरह से जाम

मंदिर के समीप दुकान से गुलदस्ते और फूल खरीदते लोग

खुलवाया। नव वर्ष के पहले दिन भगवान नीलकंठेश्वर का आशीर्वाद लेते हुए लोगों ने अपने कामकाज की शुरुआत की। प्राचीन कालिंजर दुर्ग में विराजमान महादेव का दर्शन और पूजन करने के लिए श्रद्धालुओं को मशक्कत का सामना करना पड़ा। सुरखा के लिहाज से दुर्ग में पुलिस भी तैनात रही।


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