मृत गौवंशो के साथ बर्बरता
रिपोर्ट निरंजन पांडेय
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । अगर आप समझते हैं कि प्रशासन में अब भी कोई ईमानदारी बची है, तो चित्रकूट जिले के इटौरा ग्राम पंचायत की गौशाला में घटी घटनाओं को जानने के बाद आपको अपनी सोच फिर से बदलनी पड़ेगी! मंगलवार को वायरल हुआ एक दिल दहला देने वाला वीडियो प्रशासन के भ्रष्टाचार व घोटाले की पोल खोलने के लिए काफी है। ट्रैक्टर से मृत गोवंशों को घसीटते हुए दिखाया गया था, अब सामने आई सच्चाई ने सारे तर्कों को चकनाचूर कर दिया है। इटौरा ग्राम पंचायत की गौशाला के बारे में बनाई गई रिपोर्ट ने उच्च अधिकारियों को पूरी तरह से गुमराह कर दिया था, लेकिन जैसे ही सच्चाई सामने आई, तो पता चला कि प्रधान व सचिव के हाथ कितनी बड़ी काली करतूतों में रंगे हुए है। वीडियो में साफ दिख रहा था कि मृत गोवंशों को ट्रैक्टर से घसीटते हुए निस्तारण के लिए ले जाया जा रहा था। पहले जिन किसानों ने बयान दिया था कि ये गोवंश उनके थे, अब वही किसान सामने आकर कह रहे हैं कि ये गोवंश उनकी नहीं, बल्कि गौशाला के थे। चौंकाने वाली बात यह है कि बयान देने के लिए वेतन बढ़ाने का लालच दिया गया था। सवाल यह है कि प्रशासन सच को दबाने के लिए क्या-क्या हथकंडे अपना रहा है? आला अधिकारी पूरे जिले की प्रशासनिक मशीनरी को इस घटना पर पर्दा डालने के लिए लगा रहे हैं। क्या यह सच नहीं है कि गौशाला में रोज एक-दो गोवंश मर रहे हैं? क्या यह नहीं पता कि यह सब घटनाएँ भ्रष्टाचार व मिलीभगत की गहरी साजिश का हिस्सा हैं? योगी सरकार के सख्त निर्देशों के बावजूद गौशाला की स्थिति पर कोई असर नहीं पड़ा है, व प्रशासन की लापरवाही से ऐसे काले खेल को बढ़ावा मिल रहा है।
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फ़ाइल् फोटो |
राधा मोहन उपाध्याय का खुलासा और रूपनारायण का कबूलनामा
राधा मोहन उपाध्याय ने आवाज उठाते हुए वीडियो पोस्ट किया, जिसमें ट्रैक्टर से मृत गोवंशों को बेदर्दी से घसीटते हुए साफ देखा जा सकता था। गौशाला के खतरनाक हालातों को भी उजागर किया, जिसमें हर दिन गोवंश मर रहे थे। वहीं, रूपनारायण ने आरोप लगाया कि प्रधान ने उन्हें पैसे के लालच में यह सब कहने के लिए मजबूर किया व बताया कि गौशाला में जानवरों को ठीक से खानपान और देखभाल नहीं मिल रही थी। ऐसे ही रहा, तो प्रशासन की लापरवाही और बर्बरता कभी माफ नहीं की जाएगी।
फर्जी जांच का पर्दाफाश
खंड विकास अधिकारी ने पहले दावा किया कि गोवंश रुपनारायण के थे, तो क्या उनकी जांच पूरी तरह से फर्जी व झूठी थी? वीडियो में राधा मोहन उपाध्याय ने साफ कहा है कि गोवंश गौशाला के थे व प्रशासन ने इन्हें पूरी तरह से नजरअंदाज करते हुए ट्रैक्टर से घसीटा। क्या यही है प्रशासन की ईमानदारी? योगी सरकार ने गौशाला में सुधार के लिए सख्त आदेश दिए थे, लेकिन यह साबित हो रहा है कि इन निर्देशों का पालन नहीं किया गया।
सीडीओ ने दिए जांच के आदेश
पूरे मामले पर सीडीओ ने कहा कि रूप नारायण सुबह, दोपहर व शाम तीनों समय अपने बयान बदलते हैं, तो उसकी विश्वसनीयता की क्या गारंटी हो सकती है? आगे स्पष्ट किया कि मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाएगी व दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
प्रशासन की अग्नि परीक्षा
सवाल यह है कि प्रशासन क्या करेगा? क्या खंड विकास अधिकारी और गौशाला प्रशासन पर कार्रवाई होगी, या फिर इसे किसी बड़े घोटाले के रूप में दबा दिया जाएगा? क्या गोवंशों की सुरक्षा के लिए प्रशासन कोई ठोस कदम उठाएगा? क्या उन पैसों का हिसाब लिया जाएगा, जो गोवंशों के नाम पर इकट्ठे किए गए थे? इस पूरी घटना ने प्रशासन की सच्चाई को उजागर किया है। देखना बाकी है कि क्या प्रशासन अपनी गलतियों से कुछ सीखता है या फिर ऐसे ही जांच कराकर सच पर पर्दा डालने की कोशिश होगी।
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