मऊ (चित्रकूट), सुखेन्द्र अग्रहरि । नगर पंचायत मऊ के मां कालिंदी के तट में हर साल मकर संक्रांति पर लगने वाला खिचड़ी मेला बहुत खास होता है। आस्था, परंपरा और संस्कृति के इस संगम को देखने के लिए हजारों की तादाद में लोग यमुना किनारे स्थित कोठियार घाट पर इकट्ठा होते हैं। लोग इस मेले में खिचड़ी चढ़ा कर वर्षों से चली आ रही मान्यता को जीवंत बनाए रखने के लिए अपना निरंतर योगदान देते हैं। मेले में जलेबी गुड़ की जलेबी तैयार करने वाले मुकेश बताते हैं कि मेला में वो विगत कई वर्षों से आ रहें हैं। मेले की कब शुरुआत हुई इस पर कोई ठीक जानकारी बता पाना लगभग मुश्किल है। मेले में पारम्परिक रूप से तैयार
मकर संक्रांति पर लगने वाला खिचड़ी मेला |
वस्तुओं की खरीददारी करने अपने मित्रों के साथ पहुंचे युवा अंकित त्यौंथा बताते हैं कि मेले का इतिहास बहुत पुराना है मेला ठीक इसी जगह पर कई सौ वर्षों से लगातार लग रहा है जहां दूर दराज से लोग पुण्य कमाने आते हैं। नगर पंचायत मऊ के शिवपुर के यमुना किनारे कोठियार घाट पर लगने वाला ये खिचड़ी का मेला व्यापारिक गतिविधियों का भी क्षेत्रीय केंद्र है। यहां आने वाले श्रद्धालु मेले में लगने वाली दुकानों पर स्थानीय गुड़ की बनी खास जलेबी, लाठी, और घरेलू उत्पादों की खरीदारी करते हैं। इसके अलावा यहां लगने वाले खाने-पीने के स्टॉल भी लोगों को लुभाते हैं। समाजवादी पार्टी के यूथ बिग्रेड के प्रदेश सचिव अजय राज त्रिपाठी ने सरकार से अनुरोध किया है कि मेले को सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाने के लिए सरकार द्वारा विशेष संरक्षण की आवश्यकता है। ताकि मेले को क्षेत्रीय स्तर से प्रदेश स्तरीय पहचान दिलाई जा सके।
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