कानपुर, प्रदीप शर्मा - चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय कानपुर के शाकभाजी अनुभाग कल्यानपुर पर सीएसए, जापानी एमएएएफ मॉडल फार्म प्रोजेक्ट के अंतर्गत सोमवार को संवादात्मक सत्र का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता कुलपति डॉ आनंद कुमार सिंह द्वारा की गई। इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि इस सत्र के आयोजन का मुख्य उद्देश्य स्थानीय परिस्थितियों के अनुकूल कृषि आधारित जापानी तकनीक का भारतीय खेती में समावेश करके खेती को स्मार्ट बनाकर कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सुदृढ करने के साथ ग्रामीण युवकों को नवीन खेती के लिए प्रोत्साहित करना रहा जिससे गांवों में ही रोजगार का सृजन हो सके। कार्यक्रम में विशेष सचिव कृषि उत्तर प्रदेश शासन ओ पी वर्मा द्वारा कहा गया कि मॉडल फार्म प्रोजेक्ट की सफलता के लिए जापानी प्रतिनिधि एवं विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिकों के मध्य नियमित संवाद जारी रहना चाहिए ताकि बड़ी संख्या में कृषि तकनीक को किसानों के खेतों तक पहुंचाया जा सके। कृषि वानिकी एवं मत्स्य मंत्रालय जापान सरकार के प्रतिनिधि मित्सुओ सिमाड़ा द्वारा बताया गया कि मॉडल फार्म प्रोजेक्ट के अंतर्गत कृषि आधारित
जापानी कंपनी सीधे उत्तर प्रदेश में निवेश करेगी तथा तकनीकी प्रदर्शन इसमें महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रथम सचिव जापान एंबेसी मसामी ओहता द्वारा बताया गया कि किसानों को जापानी तकनीक के विषय में प्रशिक्षित करके वृहद स्तर पर अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जाएगा। मेबीऑल कंपनी जापान के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ हिरोशी योशिओका द्वारा कहा गया कि आईमैक फिल्म फार्मिंग तकनीक से हाइड्रोपोनिक्स की तुलना में 75% तक पानी की बचत करके चेरी टमाटर की सफलतापूर्वक खेती की जा सकेगी। कार्यक्रम में नोडॉका सकी, फ्यूकी वाटानेब, सतोशी नेगामी, डॉ कोजी इसीकावा, अजुसा मिशिमा, डॉ सुशील यामामोतो आदि जापानी प्रतिनिधि मंडल के सदस्यों ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर टोक्यो केईकी कंपनी जापान के सतोशी नेगामी ने ऑटोस्टीयरिंग सिस्टम का प्रदर्शन करते हुए बताया कि इस सिस्टम से चालक की दक्षता बढ़ती है तथा थकान भी कम आती है। इस अवसर पर एस्कॉर्ट कुबोटा, यांमार, मेबीऑल, फ्रेशमामा निशान आदि कंपनियों के स्टाल लगाए गए। कार्यक्रम में विश्वविद्यालय की ओर से डॉ पी के सिंह, डॉ सी एल मौर्य, डॉ मुनीश कुमार, डॉ आर के यादव, डॉ विजय यादव, डॉ मुक्त गर्ग, डॉ संजीव शर्मा, डॉ सीमा सोनकर आदि द्वारा प्रतिभाग किया गया तथा कार्यक्रम का संचालन डॉ राजीव द्वारा किया गया। इस अवसर पर लगभग 150 किसानों के साथ-साथ 30 शोध छात्र छात्राओं द्वारा भी प्रतिभाग किया गया।
No comments:
Post a Comment