मूर्ति स्थापना के साथ दमापुर में श्रीमदभागवत की मोक्षदायिनी कथा का आयोजन
फतेहपुर, मो. शमशाद । तेलियानी विकास खण्ड की ग्राम पंचायत दमापुर में दो मार्च से शुरू हुई श्रीमद् भागवत कथा के अंतिम दिन कथावाचक पंडित श्रीकांत शुक्ल की अमृतवाणी से श्रोताओं को भव्य झांकी के साथ सुदामा चरित्र का रसपान कराया गया। उन्होंने कहा कि कृष्ण-सुदामा की ऐसी मित्रता थी कि श्रीकृष्ण ने मुट्ठी भर चावल के बदले सुदामा को दो लोक देकर उन्हें राजा बनाया था। कथावाचक श्री शुक्ल ने कहा कि दोस्ती या प्रेम में गरीब और अमीर की बातें नहीं होती हैं। मित्र केवल मित्रता के भाव का भूखा होता है। मित्रता में कोई स्वार्थ नहीं होना चाहिए। इस दौरान कृष्ण-सुदामा का चरित्र चित्रण करते हुए कलाकारों ने भव्य झांकी प्रस्तुत कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। गौरतलब है कि स्व० जनक सिंह गौर एवं स्व० रामदुलारी सिंह गौर की मूर्ति स्थापना के अवसर
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श्रीमद भागवत कथा के अंतिम दिन झांकी प्रस्तुत करते कलाकार। |
पर उनके पुत्रों राजेंद्र सिंह, वीरेंद्र सिंह व नरेंद्र सिंह गौर व सुपौत्र रणविजय सिंह गौर (वर्तमान प्रधान प्रतिनिधि) द्वारा श्रीमदभागवत कथा का आयोजन किया गया। दो मार्च को मूर्ति स्थापना के साथ शुरू हुई कथा में राजा परीक्षित, ध्रुव कथा, समुद्र मंथन, श्रीकृष्ण जन्म उद्धार, माखन चोरी रासलीला आदि के माध्यम से श्रोताओं को ज्ञानवर्धक जानकारी उपलब्ध कराई गई। हजारों की संख्या में प्रतिदिन श्रद्धालु पहुंचकर कथा वाचक पंडित श्रीकांत शुक्ल के श्रीमुख से कथा का अमृतपन कर रहे है। कल (आज) राजा परीक्षित परमगति, यदुवंश समापन स्वधाम गमन का आयोजन होगा तथा 10 मार्च को यज्ञ समापन के भंडारा का प्रसाद वितरण किया जाएगा।
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