नोटिस के अंदेशे से मचा हड़कंप
प्रशासनिक मिलीभगत के आरोप
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । मुख्यालय के चमड़ा मंडी मोहल्ले में उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सदर तहसील प्रशासन ने वार्ड नंबर 3 विद्यानगर की दलित आबादी में रहने वाले 28 परिवारों को सरकारी भूमि पर अवैध कब्जे का आरोप लगाया। साथ ही जमीन खाली करने के कथित निर्देश भी दिए गए हैं। जिससे दो दशक से ज्यादा समय से बसी बस्ती रहने वाले लोगों में आक्रोश फैल गया। परेशान लोगों ने शुक्रवार को एसडीएम सदर से मुलाकात कर अपनी पीड़ा सुनाई और इस कार्यवाही को भू-माफियाओं की साजिश बताया। पीड़ित परिवारों का कहना है कि जिस भूमि पर उनका बसेरा है, वह उन्हें करीब 25 वर्ष पूर्व शासन से आवासीय पट्टे के रूप में आवंटित की गई थी। सभी परिवारों को बाकायदा लेखपाल से माप-जोख कर चिन्हित भूखंडों पर कब्जा दिलाया
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| तहसील में एसडीएम को ज्ञापन देने पहुंचे पीडित परिवार |
गया था। आवासीय पट्टा मिलने के बाद सभी ने मकान बनाकर रहना शुरू किया और वर्षों से उसी पते पर उनके बिजली, पानी, आधार कार्ड, वोटर आईडी तक बने हैं। इतना ही नहीं, पीएम शहरी आवास योजना व इंदिरा आवास योजना के तहत भवन निर्माण के लिए इन परिवारों को सरकारी अनुदान भी मिला है। पीड़ितों ने एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर मांग की है कि गाटा संख्या 776 की निष्पक्ष जांच कराई जाए, भू-माफिया और उसके गुर्गों के खिलाफ सख्त कानूनी व दंडात्मक कार्यवाही हो, तथा करीब 25 साल से शांतिपूर्वक बसे गरीब दलित पट्टेदारों को न्याय और सुरक्षा प्रदान की जाए। बस्तीवासियों ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वे सामूहिक रूप से धरना-प्रदर्शन के लिए बाध्य होंगे।


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