महिलाओं के लिए सुरक्षा की भावना प्रदान करने पर दिया जोर
बांदा, के एस दुबे । राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वावधान में राष्ट्रीय महिला आयोग नई दिल्ली के सहयोग से जनपद न्यायाधीश देवेंद्र सिंह के निर्देश पर गुरुवार को ग्राम बड़ोखर खुर्द प्राथमिक चिकित्सालय में विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। अपर जिला जज व सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण श्रीपाल सिंह ने अपने सम्बोधन में महिलाओं को प्राप्त मुफ्त कानूनी सहायता, कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न से बचाव, देश की प्रत्येक महिला को सुरक्षा की भावना प्रदान करना, पुरुषों के समान पारिश्रमिक का लाभ आदि के सम्बंध में विस्तार से व्याख्यान किया गया। महिलाओं को कन्या भ्रूण हत्या, मानव तस्करी, पीछा करना, यौन शोषण, लिंग के आधार पर परेशान करना, यौन उत्पीड़न और इनमें सबसे भयावह अपराध बलात्कार जैसे अत्याचारों का शिकार होना पड़ता है। ऐसे उत्पीड़न का शिकार असंगठित क्षेत्रों में कार्य करने वाली महिलाएं, घरेलू काम करने वाली महिलाएं, निजी या सरकारी संगठनों में कार्य करने वाली महिलाएं होती है। सचिव महोदया ने बताया कि महिलाओं को ऐसी
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| शिविर को संबोधित करते अपर जिला जज। |
किसी प्रकार की समस्या होने पर वे अपना प्रार्थना पत्र कार्यालय जिला विधिक सेवा प्राधिकरण स्वयं आकर अथवा डाक के माध्यम से भी दे सकती हैं, जिस पर उन्हे मुफ्त कानूनी सहायता प्रदान की जायेगी। डॉ. दीपक यादव द्वारा अपने सम्बोधन में महिलाओं व बालिकाओं को आत्मसुरक्षा प्रदान करने के लिए सरकार द्वारा चलायी जा रही कल्याणकारी योजनाओं के विषय में बताया गया। उन्होने बैंक सखी, उज्जवला योजना, मातृत्व एवं शिशु हित लाभ, शादी अनुदान आदि योजनाओं से भी अवगत कराया। सुमन शुक्ला, पराविधिक स्वयं सेवक ने कहा कि महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए आत्मचिंतन एवं स्व निर्णय की शक्ति होना अत्यन्त आवश्यक है। उन्होने बताया कि महिलाओं को उन नकारात्मक स्थितियों से बचना चाहिए जो उनके सशक्त होने में बाधक है। केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा महिलाओं के कल्याण हेतु संचालित निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमन्त्री कन्या सुमंगला योजना, जननी सुरक्षा योजना आदि के सम्बंध में विस्तार से व्याख्यान किया गया। श्रीमती सुमन शुक्ला द्वारा कहा गया कि माता-पिता अथवा अध्यापक/अध्यापिकाओं द्वारा बच्चों को बैड टच के बारे में भी विस्तार से जानकारी देना चाहिए।रमा साहू, प्रबन्धक वन स्टॉप सेण्टर, जिला प्रोबेशन कार्यालय बांदा द्वारा बताया गया कि यदि किसी महिला के साथ कोई व्यभिचार, अश्लील ढगं से उनके कार्यस्थल अथवा घर पर किसी बाहरी अथवा घर के सदस्य द्वारा ऐसा व्यवहार किया जाता है तो उसे तुरन्त संज्ञान में लेकर शिकायत दर्ज करानी चाहिए। महिला आयोग में ऐसी शिकायतें अत्याधिक मात्रा में होती है, इसलिए महिलाओं को चाहिए कि अपने साथ हो रहे व्यवहार के विषय में शिकायत दर्ज कर कार्यवाही करें जिससे भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी से बचा जा सके। श्रीमती रमा साहू द्वारा जिला प्रोबेशन कार्यालय बांदा से महिलाओं को प्राप्त होने वाली सहायताओं के सम्बंध में विस्तार से जानकारी प्रदान की गयी। महिला हेल्प लाइन नं0-181 (वनस्टॉप सेण्टर) के जरिये सुरक्षा प्रदान करने के प्राविधानों का विस्तार से वर्णन किया। शिविर का संचालन सुमन शुक्ला द्वारा किया गया। इस अवसर पर आलोक तिवारी, आंगनबाड़ी कार्यकत्री उर्मिला, निशा यादव, कविता, मुन्नी देवी, अभिलाषा आदि के साथ राशिद अहमद डीईओ जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा उपस्थित रहे।


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