पराली प्रबंधन और कृषि में ड्रोन के उपयोग पर किया जागरूक - Amja Bharat

Amja Bharat

All Media and Journalist Association

Breaking

Thursday, November 13, 2025

पराली प्रबंधन और कृषि में ड्रोन के उपयोग पर किया जागरूक

मेडिकल कॉलेज सभागार में किया गया जनपद स्तरीय रवि गोष्ठी का आयोजन

कृषि वैज्ञानिकों ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी खाद के लाभ किसानों को बताए

बाँदा, के एस दुबे - कृषि सूचना तंत्र का सुदृढ़ीकरण और कृषक जागरूकता कार्यक्रम के तहत बुधवार को जनपद स्तरीय रबी गोष्ठी का आयोजन रानी दुर्गावती मेडिकल कॉलेज सभागार में किया गया। इसमें करीब पांच सैकड़ा किसानों व 40 से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया। कई विभागों अधिकारियों कर्मचारियों ने भी उपस्थिति दर्ज कराई। 12 से अधिक विभागों की ओर से स्टॉल लगाए गए थे। किसानों को पराली प्रबंधन और कृषि में ड्रोन के उपयोग पर जागरूक किया गया। इसके साथ ही कृषि वैज्ञानिकों ने नैनो यूरिया और नैनो डीएपी खाद के लाभ के बारे में किसानों केा बताया।

स्टॉल में उत्पाद देखते सीडीओ 

मुख्य विकास अधिकारी अजय कुमार पांडेय ने दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। इस दौरान लघु चलचित्रों के माध्यम से किसानों को पराली प्रबंधन व कृषि में ड्रोन के उपयोग के बारे में जागयक किया। इसके बाद कृषि वैज्ञानिक डॉ. श्याम सिंह ने रबी दलहन फसलों में जैव उर्वरकों का महत्व व लाभ के बारे में चर्चा की। कृषि वैाानिक डॉ. चंचल सिंह ने किसानों को फल सुरक्षा के बारे में जानकारी दी। कार्यक्रम में उपस्थित इफको कंपनी के क्षेत्रीय प्रबंधक प्रतीक चौबे के द्वारा नैनो यूरिया व नैनो डीएपी के फायदे बताते हुए फसलों में उपयोग करने की विधि के संबंध में किसानों को जागरूक किया गया। जिला कृषि अधिकारी संजय कुमार ने कृषि निवेशों की उपलब्धता व उनमें अनुदान की जानकारी दी। भूमि संरक्षण अधिकारी मनोज कुमार गौतम ने भूमि संरखण अनुभाग में संचालित कार्यक्रमों की जानकारी दी। खेत तालाब योजना की बुकिंग प्रक्रिया की जानकारी किसानों को दी। जिला रेशम अधिकारी के द्वारा रेशम विभाग की ओर से संचालित योजनाओं की जानकारी किसानों को दी। रेशम विभाग की योजनाओं का लाभ लेने के लिए किसानों को प्रेरित किया। पशु चिकित्सा अधिकारी राकेश यादव
प्रेक्षागृह में मौजूद किसान।

ने विभाग में संचालित योजनाओं की जानकारी किसानों को दी। उप कृषि निदेशक द्वारा फसल अवशेष को न जलाने का अनुरोध किया गया। साथ ही तिलहनी फसलों, फसल बीमा, नेचुरल फार्मिंग, बुंदेलखंड पैकेजके तहत सोलर फेंसिंग व बुंदेलखंड प्राकृतिक खेती व विभाग से संचालित अन्य योजनाओं के बारे में किसानों को जानकारी दी गई। किसानों से कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि येाजना के तहत वंचित किसान नया पंजीकरण कराकर योजना का लाभ प्राप्त करें। राज्य सहायतित तिलहन मिनीकिट में 10050 का लक्ष्य प्राप्त हुआ है, जिसके सापेक्ष मात्र अभी तक लगभग सात हजार किसानों के द्वारा बुकिंग की गई है। शेष्ज्ञ बची हुई मिनी किट की बुकिंग कृिष्ज्ञ विभाग के पोटल एग्रीदर्शन से कर सकते हैं। सब मिशन आून एग्रीकल्चर मैकेनाइजेशन येाजना के तहत अभी भी कुछ यंत्रों की बुकिंग अवशेष है। इसे अगली बुकिंग ओपन होने पर यंत्रों की बुकिंग भी किसान कर सकते हैं।

मुख्य विकास अधिकारी ने गोष्ठी में आए किसानों को संबोधित करते हुए कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी का उपयोग कर कृषि, उद्यान, पशुपालन व मत्स्य विभगा की विभिन्न योजनाओं का लाभ और विभागों की नवीनतम तकरनीकों की जानकारी अपने मेाबाइल फोन के माध्यम से किसान प्राप्त कर सकते हैं। साथ ही बुंदेलखंड की जलवायु नीबू वर्गीय फसलों के लिए उत्तम है। सीडीओ ने प्राकृतिक खेती अपनाने पर जोर दिया। कृषि विभाग की ओर से पचास प्रतिशत अनुदान पर अच्छी गुणवत्ता वाले कृषि रक्षा रसायन सभी विकास खंडों की कृषि रक्षा इकाई पर उपलब्ध है, जिसे किसान प्राप्त कर सकते हैं। अंत में उप कृषि निदेशक डॉ. अभय कुमार द्वारा मुख्य अतिथि व कुशल मंच संचालिका डॉ1 अर्चना भारती व कार्यक्रम में उपस्थित कर्मचारी, अधिकारी व जनपद के किसानों का आभार जताया।


No comments:

Post a Comment

Post Bottom Ad

Pages