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Tuesday, December 16, 2025

शहर की वायु गुणवत्ता खराब, एक्यूआई 253 पर पहुंचा

छात्र नेताओं ने शुरू की शहर को प्रदूषण मुक्त बनाने की डिजिटल मुहिम

बांदा, के एस दुबे । दिल्ली की तरह ही शहर की वायु गुणवत्ता भी खराब श्रेणी में पहुंचकर खतरे के निशान पर है। वर्तमान में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 253 दर्ज किया गया है। इस गंभीर पर्यावरणीय संकट पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए स्थानीय छात्र नेताओं ने जनपद को प्रदूषण मुक्त बनाने के लिए डिजिटल और ज़मीनी स्तर पर एक ज़ोरदार मुहिम शुरू की है। छात्र नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और जनसंपर्क के माध्यम से शहरवासियों से इस समस्या पर तत्काल ध्यान देने का आग्रह किया है। उनका मत है कि बांदा में कोई बड़ा औद्योगिक क्षेत्र न होने

एयर क्वालिटी को लेकर पोस्टर लिए छात्र नेता।

के बावजूद भी एक्यूआई का इतना बढ़ा हुआ स्तर यह दर्शाता है कि स्थानीय स्तर पर कचरा जलाना, वाहनों का अत्यधिक उपयोग, और वृक्षों की कमी ही मुख्य कारण हैं। मुहिम के तहत, छात्र नेताओं ने बांदा के निवासियों से मिलकर इन पाँच ठोस कदमों को अपनाने की अपील की है ताकि एक्यूआई को कम किया जा सके और स्वास्थ्य जोखिमों से बचा जा सके। अधिक से अधिक टेरेस/बालकनी गार्डन बनाएँ और घर के बाहर, सड़क किनारे सघन वृक्षारोपण करें। वाहनों का सीमित उपयोग, छोटी दूरी के लिए पैदल चलने या साइकिल का उपयोग करें, गाड़ियों का उपयोग केवल मजबूरी में ही करें।


प्लास्टिक दहन पर रोक: कचरा, विशेषकर प्लास्टिक और सूखी पत्तियों को जलाना पूरी तरह बंद करें। प्लास्टिक का बहिष्कार: पर्यावरण को बचाने के लिए सिंगल-यूज प्लास्टिक का उपयोग कम करें। छात्र नेता लव सिन्हा ने इस मौके पर कहा, हमारा भविष्य साफ हवा पर निर्भर करता है। हमें जागरूक रहना होगा। छात्रनेता शैलेंद्र वर्मा एक छोटा शहर है, लेकिन 253 एक्यूआई हमें बता रहा है कि हम गहरी गलती कर रहे हैं। यश राज गुप्ता ने कहा हमारा अनुरोध है कि पर्यावरण विभाग इस स्थिति को गंभीरता से ले और शहर की हवा को स्वच्छ रखने के लिए तत्काल प्रभावी कदम उठाए। साजिद अली ने कहा आज हम दूषित हवा में जीने को मजबूर हो रहे है ये भविष्य के लिए

अच्छे संकेत नहीं हैं। वही दीपक गुप्ता का कहना है कि वर्तमान में हम सभी छात्र संभाल गए तो निश्चित बदलाव आएगा और साफ हवा प्राप्त कर पाएंगे। पर्यावरण विभाग को सचेत करने का लक्ष्य: इस डिजिटल और ज़मीनी मुहिम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय पर्यावरण विभाग और जिला प्रशासन को इस गंभीर खतरे के प्रति सचेत करना है। छात्र नेताओं ने मांग की है कि प्रदूषण नियंत्रण नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाए और कचरा प्रबंधन (वेस्ट मैनेजमेंट) की व्यवस्था को युद्ध स्तर पर सुधारा जाए। छात्र डिजिटल मीडिया में बांदा क्लीन एयर, सेव बांदा एयरजैसे हैशटैग का उपयोग कर रहे हैं। छात्रों का मानना है कि यह बदलाव केवल सरकारी नीतियों से नहीं, बल्कि

सामूहिक इच्छाशक्ति और जनभागीदारी से ही संभव है। यह मुहिम छात्र नेता लव सिन्हा, शैलेंद्र कुमार वर्मा, यशराज गुप्ता, साजिद अली, नन्ना तिवारी, दीपक गुप्ता जैसे सीनियर छात्र नेताओं के नेतृत्व में चल रही है। अब तक सैकड़ों छात्र व छात्र नेता, जिनमें योगेंद्र सिंह पाल, शिवा शुक्ला, विक्की यादव, शिवम शुक्ला, साबिर शेख, ठाकुर युवराज सिंह, भूपेंद्र यादव, प्रिंस शिवहरे, लियाकत अली आदि मुहिम से जुड़ चुके हैं।  


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