रेट्रोफिटिंग पेयजल योजनाओं की हकीकत सामने
सड़क बहाली पर विशेष जोर
चित्रकूट, सुखेन्द्र अग्रहरि । जिलाधिकारी पुलकित गर्ग की अध्यक्षता में शुक्रवार को जल जीवन मिशन के अंतर्गत निर्माणाधीन रेट्रोफिटिंग पेयजल योजनाओं की समीक्षा बैठक की गई, जिसमें योजनाओं की भौतिक प्रगति के साथ-साथ जमीनी समस्याओं पर भी विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में अधिशासी अभियंता उत्तर प्रदेश जल निगम ग्रामीण ने अवगत कराया कि चांदी बांगर ग्राम समूह पेयजल योजना 959.75 करोड़ की लागत से एलएंडटी द्वारा संचालित है, जिसके तहत 286 राजस्व ग्रामों में से 162 ग्रामों में नियमित जलापूर्ति शुरू हो चुकी है। हालांकि पाइपलाइन बिछाने से 304 किलोमीटर सड़कें क्षतिग्रस्त हुईं, जिनमें से अब तक 221 किलोमीटर की बहाली हो सकी है। रैपुरा ग्राम समूह पेयजल योजना 303.32 करोड़ की लागत से जीवीपीआर हैदराबाद द्वारा संचालित है, जिसमें 71 में से 57
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| बैठक में मौजूद अधिकारीगण |
ग्रामों में जलापूर्ति प्रारंभ हो चुकी है। यहां 92 किलोमीटर सड़क क्षतिग्रस्त हुई, जिनमें 75 किलोमीटर का पुनर्स्थापन पूरा किया गया है। वहीं सिलौटा मुस्तकिल योजना 213.59 करोड़ की लागत से एलएंडटी द्वारा संचालित है, जहां सभी 59 ग्रामों में जलापूर्ति शुरू हो चुकी है और सड़क बहाली का कार्य लगभग पूर्णता पर है। बैठक में बताया गया कि रेट्रोफिटिंग एवं पुनर्गठन के तहत 45 योजनाओं के माध्यम से 64 ग्रामों में कार्य प्रगति पर है, जिनमें से 50 ग्रामों में जलापूर्ति और 43 ग्रामों में रोड रेस्टोरेशन पूरा हो चुका है। जिलाधिकारी ने निर्देश दिए कि क्षतिग्रस्त सड़कों की मरम्मत प्राथमिकता पर पूरी की जाए, सभी फर्म माइक्रो प्लान प्रस्तुत करें और आईजीआरएस, जनप्रतिनिधियों व सोशल मीडिया से मिली शिकायतों का समयबद्ध, गुणवत्तापूर्ण निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। साथ ही बिजली आपूर्ति, विभागीय समन्वय और ओवरहेड टैंकों से नियमित जलापूर्ति सुनिश्चित करने पर विशेष निर्देश दिए गए। बैठक में अपर जिलाधिकारी स्वप्निल यादव, अधिशासी अभियंता आशीष कुमार भारती, सुमित कुमार सहित संबंधित अधिकारी व कार्यदायी संस्थाएं मौजूद रहीं।
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