10 अगस्त से शुरू होगा सर्वजन दवा सेवन अभियान
स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान में आयोजित हुई मीडिया कार्यशाला
फतेहपुर, मो. शमशाद । जनपद में 10 अगस्त से मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन कार्यक्रम (आईडीए) यानी सर्वजन दवा सेवन अभियान शुरू हो रहा है। इस अभियान के तहत स्वास्थ्य टीम घर-घर फाइलेरिया रोधी दवा का सेवन कराएगी। साथ ही फाइलेरिया बीमारी के प्रति लोगों को जागरूक करेगी। यह बात मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अशोक कुमार ने कही। सीएमओ डॉ अशोक ने गुरुवार को जनपद स्तरीय मीडिया कार्यशाला को संबोधित किया। स्वास्थ्य विभाग के तत्वाधान और सेंटर फॉर एडवोकेसी एंड रिसर्च (सीफार) के सहयोग से आयोजित इस कार्यशाला में सीएमओ डॉ अशोक ने अभियान में सहयोग के लिए जनसमुदाय से अपील भी की। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ अशोक कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक लाइलाज बीमारी है लेकिन इससे बचाव संभव है। साल में सिर्फ एक बार और लगातार पांच साल तक दवा खा लेने से हमें यह बीमारी होने की आशंका न के बराबर होती है। उन्होंने बताया कि इस बीमारी के लक्षण पांच से 15 वर्ष बाद दिखते हैं। यह बीमारी मच्छर के काटने से होती हैं और अमीर, गरीब, बच्चे या बुजुर्ग किसी को भी हो सकती है। इसलिए स्वास्थ्य टीम के सामने ही फाइलेरिया रोधी दवा खाएं और खुद को सुरक्षित रखें। जिला मलेरिया अधिकारी सुजाता ठाकुर ने बताया कि जनपद में अब तक फाइलेरिया के 3097 और हाइड्रोसील के 1031 रोगियों की पहचान हुई है। इसमें 730 रोगियों के हाईड्रोसील का ऑपरेशन हो चुका है। शेष को ऑपरेशन के लिए बुलाया जा रहा है। इस बार के सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम में जिले में 29 लाख 20 हजार लोगों को दवा खिलाने का लक्ष्य रखा गया है। 2375 टीमों के जरिये बूथ एवं घर-घर जाकर दवा सेवन सुनिश्चित करवाया जाएगा। फाइलेरिया रोधी दवा स्वास्थ्य टीम के सामने ही खानी है। दवा का वितरण बिल्कुल भी नहीं किया जाएगा। इन दवाओं का सेवन खाली पेट नहीं करना है। दो वर्ष से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और अति गंभीर रूप से बीमार व्यक्तियों को यह दवा नहीं खिलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि फाइलेरिया रोधी दवाएं पूरी तरह सुरक्षित हैं। हालांकि इन दवा का कोई विपरीत प्रभाव नहीं है लेकिन फिर भी किसी को दवा खाने के बाद उल्टी, चक्कर, खुजली या जी मिचलाने जैसे लक्षण होते हैं तो यह इसका प्रतीक हैं कि उस व्यक्ति के शरीर में फाइलेरिया के परजीवी मौजूद हैं, जो कि इन दवाओ के सेवन के उपरांत इन परजीवियों के मरने के कारण उत्पन्न होते हैं। इस अवसर पर डीआईओ डॉ सुरेश, डीपीएम लालचंद्र, एएमओ कीर्ति रंजन, वरिष्ठ एसएमआई राधेश्याम भारती, मलेरिया निरीक्षक आशीष त्रिपाठी, मलेरिया निरीक्षक इशान कुमार, पीसीआई से किरन पांडेय, यूनीसेफ से नवीन और सीफार की टीम मौजूद रही। कार्यशाला में उपस्थित लोगों ने फाइलेरिया उन्मूलन के लिए फाइलेरिया रोधी दवा सेवन की शपथ भी ली।
कार्यशाला को संबोधित करते सीएमओ डा. अशोक कुमार।
फाइलेरिया नेटवर्क ने साझा किए अनुभव
फतेहपुर। कार्यशाला में फाइलेरिया नेटवर्क के सदस्यों ने भी अपने अनुभव साझा किये। रानी लक्ष्मीबाई समूह के सदस्य संजय ने बताया कि उन्हें पांच वर्ष पहले फाइलेरिया हुआ था। पहले झाड फूंक व अन्य इलाज कराया लेकिन कोई आराम नहीं मिला। करीब एक वर्ष पहले आशा प्रतिमा के जरिए उन्हें इलाज व एमएमडीपी किट मिली। अब नियमित सफाई और दवाओं का सेवन करके स्वस्थ हैं। जय मां लक्ष्मी समूह की सदस्य रजनी ने बताया कि उन्हें 10 वर्ष पहले बाएं पैर में फाइलेरिया के लक्षण दिखे थे। पहले करीब 10 हजार रुपये खर्च करके प्राइवेट में इलाज कराया लेकिन कोई आराम नहीं मिला। पिछले साल आशा रतना ने फाइलेरिया नेटवर्क के बारे में जानकारी दी और उन्हें ग्रुप से जोड़ा। समूह से जुड़ने के बाद भ्रांतियां टूटीं और बीमारी के बारे में विस्तार से जानकारी मिली। एमएमडीपी किट मिलने के बाद अब नियमित सफाई करने से काफी आराम है। कांधी गांव के प्रधान प्रतिनिधि सरोज ने बताया कि गांव में समूह के माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। विद्यालय, राशन की दुकान, वार्ड मेंबरों के साथ बैठकें कर फाइलेरिया के प्रति लोगों को बताया जा रहा है। इस दौरान पाथ के नेग्लेक्टेड ट्रापिकल डिसीज डिवीजन कोआर्डिनेटर रविराज प्रेजेंटेशन के माध्यम से फाइलेरिया के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
No comments:
Post a Comment