पांच बच्चों के केन नदी में डूब मरने के बाद बेहाल परिजन
मृतक बच्चों के परिजनों को दी गई चार-चार लाख की धनराशि
बांदा, के एस दुबे । पांच बच्चों के केन नदी में डूब मरने के बाद परिजन बदहवास हालत में हैं। बुधवार की रात को मुक्तिधाम में पांचों शवों का अंतिम संस्कार करने के बाद घर लौटे परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। अपने बच्चों की याद में आंसू बहा रहे हैं। गुरुवार की सुबह होते ही ग्रामीण मृतक बच्चों के घर पहुंचे और उनके परिवारीजनों को किसी तरह से ढांढस बंधाकर चुप करा रहे हैं। उप जिलाधिकारी पैलानी शशि भूषण मिश्र ने बताया कि मृतक बच्चों के परिजनों के बैंक खाते में चार-चार लाख रुपए की धनराशि ट्रांसफर कर दी गई है। गौरतलब हो कि बुधवार सुबह केन नदी में कजली विसर्जन करने गए पांच बच्चों सूर्यांश, पुष्पेंद्र, राखी, विजयलक्ष्मी, विवेक उर्फ तन्नू की गहरे पानी में डूब जाने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद से गांव में मातम का माहौल बना हुआ था। केन नदी से शव बरामद होने के बाद सभी शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया। रात तकरीबन 11 बजे पोस्टमार्टम हाउस से शवों को सीधे मुक्तिधाम हरदौलीघाट ले जाया गया। वहां पर पुलिस की मौजदूगी में पांचों शवों का अंतिम संस्कार कर दिया गया। पांच चिताएं एक साथ जलती हुई देखकर परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। बताया जाता है कि मृतक सभी बच्चे गुरगवां गांव के पालन मुहल्ले के रहने वाले थे। गुरुवार को पालन मुहल्ला में रक्षाबंधन का पर्व नहीं मनाया गया। मुहल्ले में पूरी तरह से सन्नाटा छाया रहा। गांव के लोग जरूर मृतक बच्चों के घर पहुंचे और वहां पर परिजनों को ढांढस बंधाते हुए सांत्वना दी। मृतक बच्चों की याद में उनके परिजन बिलखते रहे।
रोते-बिलखते मृतक बच्चों के परिजन |
पुलिस की मौजूदगी में हुआ कजली का विसर्जन
बांदा। गुरुवार को कजली विसर्जन के दौरान केन नदी के साथ ही यमुना नदी में पुलिस तैनात कर दी गई थी, ताकि फिर कोई अनहोनी न हो। सीओ सदर के निर्देशन में पुलिस कर्मी चहलकदमी करते नजर आए। पुलिस की उपस्थिति में ही कजली का विसर्जन किया गया। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि कजली विसर्जन के बाद देर रात पुलिस कर्मी वहां से वापस आ जाएंगे। पुलिस कर्मियों ने ग्रामीणों को हिदायत दी है कि नदी की तरफ कतई न जाएं। अगर कोई विशेष कारण हो तो सावधानी बरतें। मालुम हो कि पांच बच्चों के केन नदी में डूब कर अकाल मौत का शिकार होने के बाद सख्ती बरती जा रही है।
मजदूरी कर पेट भरते हैं मृतक बच्चों के परिजन
बांदा। केन नदी में जिन बच्चों की पानी में डूबकर मौत हुई, उन बच्चों के परिवारीजनों की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी। वह किसी तरह से मजदूरी करेक या फिर परदेस में काम करके अपने परिवार का भरण पोषण करते हैं। बड़ी मेहनत से अपने बच्चों का भरण पोषण करने के बाद जब अकाल मौत ने उनके बच्चों को भींच लिया तो परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मृतक बच्चों के परिजन गुरुवार केा अपने घरों के बाहर बैठे बिलखते नजर आए। ग्रामीण उन्हें बार-बार सांत्वना देकर किसी तरह से संभालते रहे।
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