संसद के विशेष सत्र में राज्य बनाये पीएम मोदी : प्रवीण
फतेहपुर, मो. शमशाद । बुंदेलखंड राज्य की मांग को लेकर रिकार्ड 30 वीं बार अपने खून से खत लिखा गया। शनिवार को बुंदेलखंड राष्ट्र समिति द्वारा पथरकटा चौराहे पर आयोजित कार्यक्रम में बुंदेलियों नें खून से ख़त लिखा। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 73 वें जन्मदिन की पूर्व संध्या पर खून से खत लिखकर उनको बधाई दिया। श्री पांडेय के साथ उनके सहयोगी भी मोदी को खून से चिट्ठी लिखी एवं अलग राज्य की मांग किया। पत्र में लिखा कि बुंदेलखंड के लोगों की जनभावनाओं का ख्याल रखते हुए जल्द से जल्द बुंदेलखंड राज्य बनाने की अपील की। अभी रक्षाबंधन में बुंदेलखंड की हजारों बहनों ने प्रधानमंत्री को राखी भेजकर तोहफे में अलग राज्य देने की अपील की थी लेकिन प्रधानमंत्री कार्यालय ने अभी तक अपनी चुप्पी नहीं
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| पीएम मोदी को खून से खत लिखते समिति के पदाधिकारी। |
तोड़ी। बुंदेलखंड राष्ट्र समिति के केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा हमेशा से छोटे राज्यों की पक्षधर रही है। अगर ऐसा न होता तो पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेई एक साथ तीन नए राज्य न बनाते। मोदी एक ही राज्य बना दें। यहां के लोग रोजी रोटी की तलाश में महानगरों की ओर पलायन कर रहे हैं। बुंदेलखंड देश का सबसे अच्छा पर्यटन क्षेत्र है। इसे पर्यटन हब बनाना है। यहां की बर्बाद हो रही सभी खूबसूरत धरोहरों को अगर कायदे से संवार दिया जाए तो न केवल यहां बाहर से हजारों सैलानी घूमने आएंगे बल्कि यहां रोजगार की अपार संभावनाएं भी विकसित होंगी लेकिन यह अलग राज्य बने बगैर संभव नहीं है। प्रवक्ता देव व्रत त्रिपाठी ने कहा कि संसद के विशेष सत्र में बुंदेलखंड राज्य बनाये प्रधानमंत्री मोदी व संसद के विशेष सत्र में बुंदेलखंड राज्य की मांग सांसद उठाएं। अगर सांसदों ने अब भी अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी तो वे एक सुनहरा अवसर गंवा देंगे। उन्होंने कहा कि बुंदेलखंड के सांसदों की बारी है कि वे संसद के विशेष सत्र में एक साथ अलग राज्य का मुद्दा उठाकर मातृभूमि के प्रति अपने दायित्व को निभाएं। उनको एक प्रतिनिधि मंडल बनाकर भी प्रधानमंत्री से मिलना चाहिए। अब सांसदों को आगे आना चाहिए। मनीष त्रिपाठी, बाल गोविन्द मिश्रा, रोहित कुमार, संतोष पासवान, अरुण विश्वकर्मा, ठाकुर शिव नरेश सिंह, ठाकुर सोनी सिंह, प्रियंका त्रिपाठी, राम प्रसाद विश्वकर्मा, राजेश अंशु सिंह परमार, आदित्य पाण्डेय, अंकुश त्रिपाठी, दीपक सिंह आदि बुन्देले रहे।


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