जिला व तहसील स्तर पर टीम गठित, रखेगी निगरानी
कृषक गोष्ठी व किसान दिवस में दी अहम जानकारियां
फतेहपुर, मो. शमशाद । फसल अवशेष प्रबंधन के लिए जनपद स्तरीय जागरूकता कार्यकम, कृषक गोष्ठी एवं किसान दिवस का आयोजन विकास भवन में अपर जिलाधिकारी (वित्त/राजस्व) विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में संपन्न हुआ। जिसमें पराली, गन्ने की पत्ती एवं फसलों के अन्य अवशेष जलाये जाने के संबंध में एनजीटी से संबंधित कृषि यंत्रों के बारे में जानकारी दी गयी। विभिन्न विभागीय अधिकारियों ने अपने विभाग से संबंधित योजनाओं की जानकारी दी। उप कृषि निदेशक राममिलन सिंह परिहार ने कहा कि जनपद में अधिकतर धान की पुआल में आग लगाई जाती है। इसके सड़ाने-गलाने हेतु वेस्ट डीकम्पोजर का प्रयोग करें। जो जनपद के सभी
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| बैठक में हिस्सा लेते एडीएम व अन्य। |
राजकीय कृषि बीज भंडारों पर निःशुल्क हेतु उपलब्ध करा दिया जायेगा। फसल अवशेष प्रबंधन हेतु एनजीटी से संबंधित यंत्रों यथा वेलर, मल्चर, सीडड्रिल, सुपर सीडर आदि यंत्रों के कय हेतु विकास खंडवार विभागीय पोर्टल पर व्यवस्था है। जिसके माध्यम से कृषक यंत्रों हेतु टोकन बुक करने एवं यंत्र क्रय करने के उपरान्त अनुदान हेतु बिल बाउचर कृषि भवन में उपलब्ध कराना होगा। धान की कटाई के बाद पराली जलाने की घटनाएं न हो इसके लिए जिला व तहसील स्तर पर टीम गठित की गयी है। साथ ही ब्लाक स्तर पर सचल दस्ते बनाए गए हैं। पराली व फसल अवशेष जलाने पर दो एकड से कम भूमि वाले किसानों से 2500 रूपये का जुर्माना प्रति घटना, 2 से 5 एकड़ भूमि वाले किसानों से 5000 रूपये का जुर्माना प्रति घटना एवं 5 एकड से अधिक भूमि वाले किसानों से 15000 रूपये का जुर्माना प्रति घटना लिया जायेगा। प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर भी 19 सितंबर से 23 सितंबर तक फसल अवशेष प्रबंधन हेतु कृषक जागरूकता कार्यकम आयोजित कराये जा रहे हैं। कृषि विज्ञान केन्द्र थरियांव के वैज्ञानिक डा. जितेन्द्र सिंह ने वर्तमान में धान की फसल की सामायिक जानकारी तथा माह अक्टूबर में बोयी जाने वाली तिलहनी फसलों की नवीनतम कृषि तकनीकी जानकारी दी गयी। इस मौके पर प्रगतिशील कृषक लोकनाथ पाण्डेय, नर सिंह पटेल, बजरंग सिंह सहित तमाम किसान मौजूद रहे।


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