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Sunday, September 17, 2023

आशा कार्यकत्री की चौपाल फाइलेरिया रोगियों के लिये बनी मददगार

फाइलेरिया गुरु बन गांव में लोगों को कर रही जागरूक

इनकार करने वाले 35 लोगों को खिला चुकी फाइलेरिया रोधी दवा

फतेहपुर, मो. शमशाद । स्वास्थ्य योजनाओं का लाभ मरीजों तक पहुंचाने के साथ फाइलेरिया अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने में फ्रंटलाइन वर्कर आशा कार्यकर्ता अपनी भूमिका का बखूबी निर्वहन कर रही हैं। आशा कार्यकर्ता अर्चना सिंह की चौपाल न सिर्फ फाइलेरिया मरीजों के लिये वरदान साबित हुई बल्कि लोगों को फाइलेरिया के प्रति जागरूक करने में भी मील का पत्थर साबित हुई है। फाइलेरिया गुरु बनी आशा कार्यकर्ता अर्चना तेलियानी विकास खंड के कांधी गांव की रहने वाली हैं। कांधी गांव में प्रतिदिन शाम को चौपाल लगाकर लोगों को फाइलेरिया के कारण, लक्षण, उपचार और बचाव की जानकारी देना उनका नियम बन गया है। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत चलाए गए स्वजन दवा सेवन अभियान की सफलता को लेकर भी आशा कार्यकर्ता अर्चना ने गांव के अन्य लोगों को जागरूक करने का काम किया, साथ ही फाइलेरिया से बचाव की दवा न खाने वाले कई लोगों को जागरूक कर उन्हें दवा खिलाने में भी स्वास्थ्य विभाग की मदद की है। आशा कार्यकर्ता ने बताया कि इस मुहिम में ग्राम प्रधान मैकी देवी के पुत्र सरोज कुमार ने भी उनका पूरा सहयोग किया। इसके साथ ही नेटवर्क सदस्यों ने लोगों की भ्रांतियां दूर करने और इनकार परिवारों को दवा खिलाने में सहयोग किया। उनके गांव में फाइलेरिया के कई मरीज हैं इनमें से कई गंभीर स्थिति में हैं। फाइलेरिया हाथी पांव का कोई उपचार नहीं है। बचाव एवं सजगता से ही इससे बचा जा सकता है इसलिए इस बीमारी के कारण एवं लक्षणों की जानकारी होना जरूरी है। स्वास्थ्य केंद्र तेलियानी के चिकित्सा प्रभारी डा. अतुल श्रीवास्तव ने कहा कि आशा कार्यकर्ता अर्चना का कार्य सराहनीय है। उनकी मेहनत और लगातार प्रयासों से फाइलेरिया अभियान को सफलता मिली। आशा कार्यकर्ता को जल्द ही सम्मानित किया जायेगा।

युवक को फाइलेरिया की खुराक पिलातीं आशा कार्यकत्री।

इस तरह बदली गांव की तस्वीर

कांधी गांव में आशा कार्यकत्री के प्रयासों से 35 इनकार परिवार और 45 छूटे हुए लोगों को दवा खिलाई जा सकी है। इस साल आशा कार्यकत्री की जागरूकता का ही परिणाम रहा कि 817 करीब 80 फीसदी लोगों को यह दवा खिलाई गई है। वहीं लक्ष्मी नारायण फाइलेरिया ग्रुप के सदस्य अमरनाथ दुबे और राकेश कुमार ने भी आशा को अभियान में पूरा सहयोग किया। आशा ने बताया कि जो लोग दवा खाने से रह गये हैं वह बाहर रहते हैं।


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