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Tuesday, September 19, 2023

हरतालिका तीज पर व्रती महिलाओं ने गंगा सरोवर में तोड़ा व्रत

डीएम श्रुति के निर्देशन में चाक चौबंद रही व्यवस्था

संजय श्रीवास्तव के नेतृत्व में समग्र गंगा की टीम रही सक्रिय

फतेहपुर, मो. शमशाद । श्रीबांके बिहारी विराजमान मंदिर परिसर आज फिर एक बार हरतालिका तीज व्रत पूजा के दूसरे दिन गंगा सरोवर (तीज ताल) में शंकर-पार्वती की मिट्टी की मूर्तियों का साक्षी बना। सुहागिनों ने मूर्तियां प्रवाहित करने की परंपरा निर्वाहित करने के बाद मंदिर परिसर में स्थापित मूर्तियों एवं शिवलिंग का दर्शन कर पूजा अर्चना की। बताते चलें कि भद्रपद माह के शुक्लपक्ष तृतीया तिथि को हरितालिका तीज का व्रत किया जाता है। ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन के सभी कष्ट दूर होते हैं। महिलाएं सोलह श्रृंगार करके पूजा अर्चना करती हैं और अखंड सौभाग्य को प्राप्त करती हैं। जनपद के शान्तीनगर स्थित श्री बांके बिहारी जी मंदिर परिसर स्थित गंगा सरोवर उर्फ तीज ताल में आज प्रातः चार

गंगा सरोवर पर पूजा-अर्चना करतीं व्रती महिलाएं।

बजे से ही हजारों की संख्या में महिलाओं का तांता लगा रहा। पूरे विधि-विधान से महिलाओं ने पूजा अर्चना की। महिलाओं की सुविधा को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने पूरी व्यवस्था व इंतेजमात किये जिससे किसी को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो। प्रशासन के सहयोग से साथ ही गंगा समग्र श्री बांके बिहारी गंगा सरोवर के संरक्षक इंजी. संजय श्रीवास्तव, सयोजक अजय त्रिपाठी, जिला संयोजक गंगा वाहिनी सुयश गौतम, सह संयोजक ठा. प्रशांत सिंह, जिला संयोजिका गंगा सेविका रीता सिंह तोमर, कल्पना सिंह, साधना चौरसिया, शशी चौरसिया, वृक्षारोपण प्रभारी गंगा समग्र कविता रस्तोगी ने विशेष योगदान देते हुए इस कार्य को सकुशल सम्पन्न कराने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उल्लेखनीय है कि लगभग तीन सौ वर्ष पुराने इस ऐतिहासिक देव स्थान पर कई दशक पहले से हरतालिका तीज का निर्जल व्रत रखने वाली महिलाएं अगले दिन सुबह इस स्थान पर आती हैं और पूजा में प्रयुक्त इस परिसर में बने तीज ताल जिसे हाल में अत्याधुनिक स्वरूप देकर गंगा सरोवर नाम दिया गया है। उसमें मिट्टी से बनीं शंकर-पार्वती की मूर्तियों को विसर्जित करती हैं और ताल में प्रतीक स्वरूप विराजमान मां गंगा से अपने सुहाग की लम्बी उम्र मांगती हैं। इस दिन यहां परंपरागत मेला भी लगता है। इसी कड़ी में आज सुबह सूरज की पौ फटने के साथ व्रत रखने वाली हजारों की संख्या में महिलाओं ने यहां पहुंचकर परंपरानुरूप मूर्तियां विसर्जित की और फिर मन्दिर परिसर में स्थापित श्रीबांके बिहारी जी, राधा-कृष्ण, राम, लक्ष्मण, सीता, हनुमान, भगवान नर्मदेश्वर शिवलिंग एवं श्रीश्री 1008 नारायण दास जी महाराज के समाधि स्थल एवं उनकी मूर्ति का दर्शन लाभ प्राप्त किया। तीज ताल उर्फ़ गंगा सरोवर की स्वच्छता एवं निर्मलता बरकरार रखने के लिए इस मन्दिर की ट्रस्टी जिलाधिकारी श्रुति शर्मा की अपील के तहत महिलाओं ने सरोवर में पूजन तो किया किन्तु पूजन सामाग्री एवं मूर्तियों को सरोवर में विसर्जन न करके भू विसर्जन हेतु एक निर्धारित स्थान पर एकत्र करने में सहयोग दिया। इसके पूर्व कल डीएम के निर्देश पर उप जिलाधिकारी सदर व ईओ नपाप ने मन्दिर पहुंच कर आज के कार्यक्रम की व्यवस्था का जायज़ा लिया। इस व्यवस्था को अंजाम देने में गंगा समग्र के इं. संजय श्रीवास्तव एवं उनकी टीम का महत्वपूर्ण योगदान रहा। उन्हीं की देखरेख में सफ़ाई कर्मी व सुरक्षा व्यवस्था भी मुस्तैद रहीं।


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