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Friday, April 5, 2024

नवाचार एवं उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए पेटेंट व्यवस्था को मजबूत करने की जरूरत - कुमार राजू

रिपोर्ट देवेश प्रताप सिंह राठौर 

उत्तर प्रदेश  झांसी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय में बौद्धिक संपदा अधिकार पर वेबीनार आयोजित                

झांसी। बुंदेलखंड विश्वविद्यालय झांसी के इंस्टिट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल द्वारा बौद्धिक संपदा अधिकार विषय पर वेबीनार आयोजित किया गया। मुख्य वक्ता डॉ कुमार राजू कंट्रोलर, पेटेंट एंड डिजाइन आरजीएनएनआईआईपीएम, नागपुर ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार (आईपीआर) व्यक्तियों या संस्थाओं को आविष्कार, साहित्यिक कार्य, डिजाइन और ट्रेडमार्क सहित उनके दिमाग की रचनाओं की रक्षा के लिए दिए गए कानूनी अधिकार हैं। भारत में, पेटेंट दाखिल करने की प्रक्रिया में एक विस्तृत आवेदन का मसौदा तैयार करना, पेटेंट खोज करना, भारतीय पेटेंट कार्यालय में आवेदन दाखिल करना, परीक्षण, प्रकाशन और पेटेंट का अंतिम अनुदान शामिल है। पेटेंट आविष्कारों की सुरक्षा, आविष्कारकों को विशेष अधिकार प्रदान करने और नवाचार को


प्रोत्साहित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वे बाजार लाभ, लाइसेंसिंग या व्यावसायीकरण के माध्यम से मौद्रिक लाभ और उल्लंघन के खिलाफ कानूनी सुरक्षा जैसे लाभ प्रदान करते हैं। भारत ने अपनी पेटेंट व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कदम उठाए हैं, जिसमें प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करना और परीक्षा प्रक्रियाओं को बढ़ाना शामिल है, लेकिन बैकलॉग और प्रवर्तन मुद्दे जैसी चुनौतियाँ अभी भी बनी हुई हैं। राष्ट्रीय आईपीआर नीति और स्टार्टअप और एसएमई के लिए समर्थन जैसी पहलों के माध्यम से पेटेंट पारिस्थितिकी तंत्र में सुधार के प्रयास जारी हैं। उन्होंने भारत के संदर्भ में कहा कि हाल के वर्षों में वैश्विक मानकों के अनुरूप होने और नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए अपनी पेटेंट व्यवस्था को मजबूत करने में महत्वपूर्ण प्रगति की है। भारतीय पेटेंट कार्यालय ने पेटेंट अनुदान में तेजी लाने के लिए प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित किया है, परीक्षा प्रक्रियाओं को बढ़ाया है और बुनियादी ढांचे में सुधार किया है। इसके अतिरिक्त, स्टार्टअप और छोटे और मध्यम उद्यमों (एसएमई) के बीच पेटेंट फाइलिंग को समर्थन और प्रोत्साहित करने के लिए राष्ट्रीय आईपीआर नीति और स्टार्टअप इंडिया जैसी पहल शुरू की गई है। इस अवसर पर आईईसी बुंदेलखंड विश्वविद्यालय की प्रेसिडेंट प्रोफेसर अपर्णा राज, अधिष्ठाता छात्र कल्याण प्रोफेसर सुनील काबिया एवं विज्ञान संकाय अध्यक्ष प्रोफेसर आरके सैनी ने भी अपने विचार व्यक्त किया। इसके पूर्व डॉ सोमा अनिल मिश्रा ने इंस्टिट्यूशन इन्नोवेशन काउंसिल द्वारा किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी। संचालन वेबीनार संयोजक डॉ राजेश पांडे ने किया। डॉ कौशल त्रिपाठी ने स्वागत एवं आभार डॉक्टर जय नारायण तिवारी एवं डॉ अवनीश कुमार ने व्यक्त किया। इस अवसर पर बुंदेलखंड विश्वविद्यालय एवं अन्य विश्वविद्यालय के लगभग सात सौ छात्रों ने सहभागिता की।

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