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Sunday, April 7, 2024

बाज़ारों में छाई रौनक, जमकर हो रही खरीददारी

रेडीमेड कपड़ों, फुटवेयर समेत सौंदर्य प्रसाधन की दुकानों में उमड़ रही भीड़

फतेहपुर, मो. शमशाद । ईद के पर्व की तिथि ज्यों-ज्यों करीब आ रही है बाजारों में खरीददारों की भीड़ से रौनक देखते ही बन रही है। ईद की खुशियां मनाने के लिए मुस्लिम समुदाय के लोगों की बाज़ारों में भीड़ उमड़ रही है। महिलाओं के रेडीमेड कपड़ों एवं बच्चों के सूट खरीदने के लिए महिलाएं अपने छोटे छोटे बच्चों के साथ बाज़ारों में दिखाई दे रही है। चौक बाजार, लाला बाजार, चूड़ी वाली गली समेत अन्य बाज़ारो में महिलाओं, पुरुष, बच्चों एवं युवाओं की भीड़ अपने मनपसंद कपड़ों एवं ज़रूरत की वस्तुओं की खरीद करने में देखे जा रहे हैं। ईद के पर्व की खरीददारी सुबह से शुरू होकर देर रात तक जारी रहती है। ईदुल फ़ित्र मुस्लिम धर्म का विशेष त्योहार के रूप में मनाया जाता है। रमज़ान पाक के तीस दिनों के रोज़े के बाद आने वाले ईदुल फ़ित्र का त्योहार मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन नए कपड़ों व तरह तरह के पकवान भी बनाए जाते हैं। ईद के पर्व

कपड़े की दुकान में खरीददारी करतीं महिलाएं।

को अमन व भाईचारा का त्योहार भी कहा जाता है। ईद की नमाज़ अदा करने के बाद सभी समाज के लोगों के साथ मिलकर खुशियों को साझा किया जाता है। रमज़ान पाक के माह शुरू होते ही ईद की सरगर्मियां शुरू हो जाती है लेकिन जैसे जैसे ईद की तिथियां नज़दीक आती है बाज़ारो में चहल पहल बढ़ने लगती है। बच्चे, बूढ़े, सभी नए कपड़े खरीदने के लिये बाज़ारो की ओर रुख करते हैं। महिलाओं द्वारा कपड़ों, आभूषणों एव घरेलू उपयोग की चीज़ों की विशेष खरीददारी की जाती है। बच्चो के कपडे एक खिलौने की भी जमकर खरीददारी की जाती है। ईद पर्व को देखते हुए दुकानदारों द्वारा भी लेटेस्ट फैशन के कपड़ो एवं मैचिंग ज्वैलरियों की रेंज मंगाई जाती हैं। इन दिनों ईद की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। जहां लोग सेंवई-सूतफेनी के साथ मेवे की खरीददारी में जुटे हैं वहीं लोग रेडीमेड कपड़ों के साथ-साथ महिलाएं श्रृंगार का सामान खरीद रही हैं। उधर कुछ महिलाएं अब भी कपड़ों की खरीददारी में जुटी हैं। हालांकि टेलरों ने कपड़े सिलने से इंकार करना भी शुरू कर दिया है। जो महिलाएं अब कपड़ों की खरीददारी कर रही हैं वह घर पर ही इसकी सिलाई कर रहे हैं। 26 रोजे मुकम्मल हो चुके हैं। अब ईद को लेकर सिर्फ तीन या चार दिन का समय शेष रह गया है इसलिए मुस्लिम समुदाय के लोग तैयारियों को अंतिम रूप देने में जुटे हैं। 


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