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Monday, December 23, 2024

भव्य कलश यात्रा में शामिल हुए हजारों भक्त, ढोल-बाजे पर थिरके

शोभायात्रा में आकर्षण का केंद्र रहे ऊंट-घोड़े, बाल कलाकारों न किया दीवारी नृत्य

आतिशबाजी भी हुई, शहर के मंगलम मैरिज हाल में हुआ शोभयात्रा का समापन

बांदा, के एस दुबे । शहर के मंगलम मैरिज हाल में आयोजित श्रीमद्भगावत कथा सप्ताह के पूर्व सोमवार को अर्दली बाजार स्थित ग्राउंड से भव्य कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा में हजारों की संख्या में भक्त शामिल रहे। महिलाएं पीत वस्त्र धारण किए हुए सिर पर कलश रखकर चल रही थीं। शोभा यात्रा में शामिल ऊंट और घोड़े आकर्षण का केंद्र रहे। बाल कलाकारों ने दीवारी कला का शानदार प्रदर्शन किया। मैरिज हाल में शोभायात्रा का समापन हुआ। इसके बाद कथावाचक नवलेश महाराज ने श्रीमद्भागवत कथा का महात्म बताया। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह आयोजक जितेंद्र कुमार शर्मा जीतू हैं। अर्दली बाजार स्थित मैदान से सोमवार सुबह 11 बजे श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह के पूर्व भव्य कलश यात्रा का आयोजन किया गया। गाजे-बाजे के साथ निकाली गई भव्य कलश यात्रा

शोभायात्रा में शामिल हजारों की संख्या में श्रद्धालु, ढोल-बाजे पर नृत्य करतीं युवतियां

में हजारों की संख्या में पुरुष और महिला श्रद्धालु पीत वस्त्र धारण कर शामिल हुए। महिलाएं सिर पर कलश रखकर चल रही थीं। शोभायात्रा के आगे ऊंट और घोड़े लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे। शोभायात्रा ने अर्दली बाजार से बलखंडीनाका तक भ्रमण किया। इस दौरान ढोल नगाड़ों की थाप पर श्रद्धालु थिरकते नजर आए। शोभायात्रा वापस मंगलम मैरिज हाल पहुंची। वहां पर शोभायात्रा को विराम दिया गया। इसके बाद पूजन-अर्चन के
सिर पर कलश रखकर शोभायात्रा में शामिल महिलाएं

साथ कथावाचक नवलेश महाराज व्यास गद्दी पर विराजमान हुए और उन्होंने श्रीमद्भभागवत कथा का महात्म बताया। कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनकर समस्त पापों से मुक्ति मिलती है। कथावाचक नवलेश दीक्षित ने बताया कि प्रतिदिन दोपहर दो बजे से शाम तक श्रीमद्भागवत कथा का बखान होगा। बताया कि प्रथम दिवस की कथा में गोकर्ण चरित्र और भागवत की महिमा, दूसरे दिवस शिव विवाह की चर्चा और तीसरे दिन ध्रुव चरित्र और वामन
शोभयात्रा के दौरान शामिल श्रद्धालु।

अवतार, चौथे दिन प्रहलाद चरित्र और भगवान कृष्ण जन्म की महिमा का बखान होगा। इसी क्रम में लीला और गोवर्धन पूजा, कृष्ण और रुक्मिणी विवाह, सुदामा चरित्र और परीक्षित को मोक्ष के साथ ही अंतिम दिन पूर्णाहुति और प्रसाद वितरण का कार्यक्रम होगा।


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