मौहार गांव में आयोजित हुआ जैविक कृषि मेला
फतेहपुर, मो. शमशाद । मलवां विकास खंड के मौहार गांव में ईश एग्रीटेक द्वारा नमामि गंगे योजना के तहत जैविक कृषि मेला आयोजित कर किसानो को जागरूक किया गया। कृषि विज्ञान केंद्र थरियाव के कृषि वैज्ञानिक डा. जितेंद्र सिंह ने कहा कि हरी खाद के इस्तेमाल से किसान फसल की पैदावार अच्छी तो ले ही सकते हैं बल्कि चारे के किल्लत वाले दिनों में यह पशुओ के लिए अच्छी खुराक भी साबित होता है। बताया कि खेत में हरी खाद का इस्तेमाल करने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ती है और फसलों का उत्पादन भी बढ़ता है। हरी खाद फायदे यह है कि मिट्टी में सूक्ष्मजीवों की संख्या और क्रियाशीलता बढ़ती है। इससे मिट्टी में नमी, आर्गेनिक कार्बन और नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है। हरी खाद से मिट्टी की संरचना में सुधार होता है और मिट्टी में जैविक गतिविधि बढ़ती है। मिट्टी की जलधारण क्षमता बढ़ती है। हरी खाद से मिट्टी में अम्लीयता और क्षारीयता में कमी आती है। मिट्टी जनित रोगों में
जैविक कृषि मेले में मंचासीन अतिथि। |
कमी आती है। हरी खाद से रासायनिक उर्वरकों की निर्भरता कम होती है। हरी खाद से खरपतवारों को नियंत्रित किया जा सकता है। हरी खाद के लिए सनई,ढैंचा की किसान बुवाई करे और फिर खेत मे पलट दे। बताया कि यूरिया, डीएपी के कारण हमारी मिट्टी बीमार हो गई है। 80 प्रतिशत गेहूँ धान करने वाला किसान की खेत की मिट्टी भी 80 प्रतिशत ही बीमार हो गई है। उन्होंने बताया कि मलवां विकास खंड क्षेत्र में जीवाश्म कार्बन का स्तर निचले स्तर मे पहुँच गया है जो चिंता की बात है। वैज्ञानिक डा. साधना वैश्य ने खाद्य प्रसंस्करण के बारे मे जानकारी देते हुए टमाटर के स्टोरेज पर जोर दिया। आंवला के आचार मुरब्बे की जानकारी दी। कीट नियंत्रण के लिए फेरोमेन ट्रैप, ग्लू ट्रैप लगाने की जानकारी दी गई। बताया गया कि मादा की गंध से कीट इस ट्रैप मे आकर फसकर मर जाते है जिससे कीट नियंत्रित होता है। वैज्ञानिक डा. शिवमंगल सिंह, रामकांत तिवारी, वीरेंद्र यादव, प्रेमदान पाल ने भी संबोधित करते हुए उन्नतशील खेती के लिए जानकारी दी। मुख्य रूप से योजना प्रभारी रवि कुमार पुंडिर, आलोक, डा. रामशरण सिंह, प्रधान नरेंद्र सिंह, प्रोजेक्ट क्वार्डिनेटर जितेंद्र सिंह, अनिल मिश्रा, बजरंग सिंह, आशीष, ऋषि, धीरज, अखिलेश, राहुल आदि रहे।
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