पुरानी पेंशन बहाल होने तक लड़ाई लड़ने का ऐलान
फतेहपुर, मो. शमशाद । अटेवा पेंशन बचाओ मंच के प्रादेशिक नेतृत्व के आह्वान पर गत वर्षा की भांति इस वर्ष भी पेंशन आंदोलन में शहीद हुए डॉ रामाशीष सिंह के शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। प्रदेश नेतृत्व ने इस श्रद्धांजलि सभा को आज के दिन को पेंशन संकल्प दिवस के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। यह संकल्प लेना है कि जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती है तब तक हम लोग तन मन धन से इस लड़ाई को लड़ते रहेंगे और रामाशीष के लिए उस पुरानी पेंशन को बहाल करवा कर उनको सच्ची श्रद्धांजलि देंगे। जनपद के सभी ब्लॉकों एवं तीनों तहसीलों में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। वहीं मुख्यालय में सरदार वल्लभ भाई पटेल के प्रतिमा के सामने शाम पांच बजे से श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न शिक्षक कर्मचारियों ने अपने विचार रखें और पेंशन आंदोलन में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए संकल्प लिया।
लौह पुरूष की प्रतिमा के समक्ष श्रद्धांजलि सभा में भाग लेते अटेवा के पदाधिकारी। |
जनपद में खागा, हथगांव, अमौली, देवमई, खजुआ, बिंदकी आदि स्थानों पर श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। श्रद्धांजलि सभा में जल निगम के अध्यक्ष महताब, महामंत्री राजेश सिंह, पीडब्ल्यूडी नियमित वर्क चार्ज संघ के जिलाध्यक्ष मनोज सैनी, महामंत्री शोएब, डिग्री कॉलेज से डॉक्टर रिंकू सिंह, कृषि विभाग के मिनिस्ट्रियल एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष जितेंद्र त्रिवेदी, पंचायती राज विभाग के जिलाध्यक्ष बाबूलाल पाल, नगर पालिका कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष राजू, फार्मासिस्ट एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष अरुणाचल सिंह, अरविंद, प्रीति श्रीवास्तव, रेखा, विमलेश कुमारी महिला कर्मचारी शिक्षक शिक्षिका उपस्थित रहे। श्रद्धांजलि सभा का संचालन जिला महामंत्री महेंद्र मौर्य ने किया। जिलाध्यक्ष निधान सिंह की अध्यक्षता में कार्यक्रम हुआ। इस श्रद्धांजलि कार्यक्रम में अरविंद विश्वकर्मा उदित सचान वीर महेंद्र मुकेश मौर्य बलराम सिंह पुनीत वीर विक्रम राम भवन चौधरी अनिल कुमार महेंद्र पटेल देवेंद्र कुमार राजेंद्र कुमार संध्या गुप्ता हर्षित कुमार आदि श्रद्धांजलि सभा में प्रदेश सहसंयोजिका अंशु सिंह एवं महिला मोर्चा से जिला संयोजक का डॉक्टर असफिया मजहर एवं जिला संगठन मंत्री विनीता मौर्या ने श्रद्धांजलि अर्पित की और सब लोगों ने एक स्वर में यह संकल्प लिया कि पुरानी पेंशन की लड़ाई को हम लोग अंतिम क्षण तक लड़ते रहेंगे जब तक पुरानी पेंशन बहाल नहीं हो जाती।
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